वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि बार-बार विश्वासघात झेलने के बाद पाकिस्तान के साथ संबंध सामान्य करने की दिशा में पहला कदम उठाने की भारत में अब इच्छा नहीं है। थरूर ने पाकिस्तान से उसकी धरती से संचालित आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करके ईमानदारी दिखाने का आग्रह किया।
तिरुवनंतपुरम से सांसद ने पूर्व राजदूत सुरेंद्र कुमार द्वारा संपादित पुस्तक ‘विदर इंडिया-पाकिस्तान रिलेशंस टुडे?’ के विमोचन के अवसर कहा कि 1950 में लियाकत अली खान के साथ जवाहरलाल नेहरू के समझौते से लेकर 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की लाहौर बस यात्रा और 2015 में नरेन्द्र मोदी की लाहौर यात्रा तक भारत के हर प्रयास को सीमा पार से शत्रुता के कारण ‘धोखा’ मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तानी व्यवहार के रिकॉर्ड को देखते हुए जिम्मेदारी उन्हीं की है। उन्हें ही अपनी धरती पर आतंकवाद के ढांचे को ध्वस्त करने के लिए गंभीरता दिखाने का पहला कदम उठाना होगा।’’
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि सीजफायर के पीछे निस्संदेह पाकिस्तानी डीजीएमओ द्वारा अपने भारतीय समकक्ष को शांति की अपील करने का नतीजा है न कि ट्रंप का।”
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भारत ने बहुत स्पष्ट संदेश दिया है- शशि थरूर
थरूर ने कहा, “आखिरकार, भारत के पास इस सब पर प्रतिक्रिया देने के लिए बहुत अधिक विकल्प नहीं थे। पहलगाम के कुछ दिनों बाद, मैंने ठीक इसी बात की वकालत करते हुए एक ओप-एड लिखा था। आप मेरी संतुष्टि और आधे-अधूरे अविश्वास की कल्पना कर सकते हैं कि मुझे यह एहसास नहीं था कि दिल्ली में कोई भी मेरा ओप-एड पढ़ेगा। यही कारण है कि मैं इसका इतना उत्साही समर्थक था। ठीक उसी कार्रवाई का पालन किया जिसकी मैंने अपने ओप-एड में सलाह दी थी। 2019 में बालाकोट और अब ऑपरेशन सिंदूर के साथ, भारत ने बहुत स्पष्ट संदेश दिया है कि हम आतंक के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगे।”
शशि थरूर ने आगे कहा, “अगर हम यह स्वीकार कर लें कि हमारे राष्ट्र की सर्वोच्च प्राथमिकता, सर्वोच्च उद्देश्य हमारे लोगों की वृद्धि, विकास और समृद्धि है तो हमारी सीमाओं पर शांति और सौहार्द हमारे राष्ट्रीय हितों के लिए जरूरी है। भारत आज अपार संभावनाओं की दहलीज पर खड़ा है। हम 2047 तक एक विकसित देश, बहुध्रुवीय विश्व में एक अग्रणी शक्ति के रूप में उभरने की आकांक्षा रखते हैं, जहां हम निर्बाध रूप से विकास कर सकें, अपने प्रभाव क्षेत्र निर्धारित कर सकें और अपने संबंधों की शर्तें तय कर सकें।”
पाकिस्तान को लेकर क्या बोले थरूर?
कांग्रेस नेता ने कहा, “ऐसा करके हम भविष्य की भू-राजनीतिक व्यवस्था को आकार देने में भी मदद करते हैं, साथ ही वैश्विक दक्षिण की आवाज़ बनकर यह सुनिश्चित करते हैं कि विकासशील देशों की प्राथमिकताएं दुनिया के उच्च मंचों पर प्रस्तुत की जाएं। ये आकांक्षाएं खोखली होंगी अगर हमें सीमा पार से लगातार सूइयां चुभती रहेंगी और हम अपने पड़ोस में स्थिर संबंध बनाए रखने में असमर्थ रहेंगे।” पढ़ें- केरल में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर शशि थरूर ने क्या कहा?
