Indian Air Force Aerial Strike: भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए हवाई हमले में मारे गए आतंकियों की संख्या को लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी सवालों के बीच अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि आतंकी ठिकानों पर हमले से चुनाव का कोई लेना-देना नहीं है। निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (5 मार्च को) को चेन्नई में कहा कि बालाकोट में किया गया हवाई हमला ‘‘सैन्य कार्रवाई नहीं’’ थी क्योंकि इसमें आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। बता दें कि भारतीय वायु सेना ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के एक शिविर को निशाना बनाकर उसे तबाह कर दिया था।
सीतारमण ने संवाददाताओं को बताया कि विदेश सचिव विजय गोखले ने हवाई हमले में मरने वालों की संख्या की कोई जानकारी नहीं दी थी और केवल एक बयान दिया था जो कि सरकार का ‘‘पक्ष’’ था। गोखले ने पिछले मंगलवार कहा था कि बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर अचानक किये गए असैन्य हमले में ‘‘बड़ी संख्या में’’ आतंकवादी, प्रशिक्षक एवं शीर्ष कमांडर मारे गए।
सीतारमण की यह टिप्पणी विपक्ष द्वारा हवाई हमले में मरने वालों की जानकारी मांगने के बीच आई है जबकि पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद इस हवाई हमले को अंजाम देने वाली भारतीय वायु सेना ने सोमवार को कहा कि हताहतों की संख्या के बारे में जानकारी केंद्र सरकार देगी।
दरअसल, हमले के बाद करीब 300 आतंकियों के मरने की बात कही जा रही थी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में कहा था, ‘‘पुलवामा हमले के बाद, हर कोई सोच रहा था कि हम सर्जिकल स्ट्राइक नहीं कर सकते हैं , तो क्या होगा…लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार ने (हमले के बाद) 13वें दिन हवाई हमला किया और 250 से अधिक आतंकवादी मारे गये।”
वहीं, वायुसेना प्रमुख धनोआ ने एक संवाददाता सम्मेलन में बालाकोट हवाई हमले में मारे जाने वाले आतंकियों की संख्या के बारे में किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार करते हुये कहा था कि इस बारे में जानकारी सरकार देगी और वायुसेना केवल यह देखती है कि निशाना लगा या नहीं। धनोआ ने कहा, ‘‘हम मरने वालों की गिनती नहीं करते। हम बस इतना गिनते हैं कि कितने ठिकानों पर निशाने लगे और कितनों पर नहीं।’’
इसके बाद से विपक्षी दलों ने बालाकोट हमले में मारे गए आतंकियों की संख्या के बारे में जानकारी मांगने लगे थे। एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के शिविर पर हुए हवाई हमले में मारे गए आतंकियों की संख्या के बारे में जानने का अधिकार है और इस तरह की सूचना दे देने से सशस्त्र बलों का मनोबल कम नहीं होगा।
(एजेंसी इनपुट)