केन्द्रीय मंत्री और पूर्व थलसेना अध्यक्ष वीके सिंह ने दावा किया है कि बीती 15 जून की रात लद्दाख की गलवान घाटी में जो हिंसक झड़प हुई थी, वह एक चीनी टेंट में रहस्यमयी तरीके से आग लगने के कारण हुई थी। वीके सिंह के अनुसार, चीनी टेंट में आग लगने के बाद ही दोनों सेनाओं में तीखी हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय सेना की 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिग अफसर कर्नल संतोष बाबू समेत 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इस झड़प में चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की खबर आयी थी। हालांकि चीन ने अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
एबीपी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, केन्द्रीय मंत्री वीके सिंह ने बताया कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहमति बनने पर चीनी सेना को पेट्रोलिंग पॉइंट 14 से पीछे हटना था। इसी के तहत 15 जून की रात कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय जवानों का एक दल पीपी-14 पहुंचा था। वहां जाकर उन्होंने देखा कि चीनी सेना का टेंट वहां अभी भी लगा हुआ था।
इस पर कर्नल संतोष बाबू ने चीनी सैनिकों को वह टेंट हटाने को कहा। इस बात पर दोनों तरफ की सेनाओं के बीच तीखी बहस होने लगी। वीके सिंह के अनुसार, बहस और हाथापाई के बाद चीनी सैनिक वहां से अपना टेंट हटाने लगे तभी उनके टेंट में रहस्यमयी तरीके से आग लग गई। जिसके बाद बहस ने हिंसक झड़प का रूप ले लिया। जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए।
बता दें कि दोनों देशों के बीच एलएसी पर जवानों द्वारा हथियार चलाने की अनुमति नहीं है। यही वजह है कि गलवान में हुई हिंसक झड़प में हाथापाई, लाठी-डंडों से ही एक दूसरे पर हमला किया गया था। गलवान घाटी में हुई हिंसा लद्दाख भारत चीन सीमा पर 45 साल में हिंसा की पहली घटना थी।
इस घटना के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। दोनों सेनाओं ने सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। इसके अलावा एलएसी के नजदीक दोनों सेनाओं के फाइटर जेट भी तैनात हो चुके हैं। हालांकि बातचीत के जरिए अभी भी हालात को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है।