चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी लद्दाख सीमा के नजदीक असामान्य गतिविधि कर रही है। इसका पता भारतीय वायुसेना को लग चुका है और वायुसेना ने भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। चीन ने तिब्बत के ऊपर अपनी एयर एक्टिविटी बढ़ा दी है। हालात देखते हुए वायुसेना ने भी अपने कॉम्बैट पेट्रोलिंग को बढ़ा दिया है। भारतीय वायुसेना चीफ आरकेएस भदौरिया ने यह जानकारी दी है।
वायुसेना चीफ ने कहा कि इंडियन एयरफोर्स को चीन के एयरबेस और सैनिकों की तैनाती की जानकारी थी। गर्मियों में चीन की तरफ से हर बार यह एक्सरसाइज होती थी लेकिन इस बार पहले के मुकाबले ज्यादा सैनिकों की तैनाती की गई, जिसके बाद हमने एहतियाती कदम उठाए।
शनिवार को एयरफोर्स एकेडमी डुंडीगल में ग्रेजुएशन डे परेड के दौरान एयर चीफ मार्शल ने कहा कि हम अभी चीन के साथ युद्ध में नहीं हैं लेकिन हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं। एलएसी पर शांति के लिए हर कोशिश की जाएगी।
एयर चीफ मार्शल ने साफ किया कि चीनी सेना के एयरक्राफ्ट ने अभी तक भारतीय सीमा में किसी भी तरह की घुसपैठ नहीं की है। गलवान घाटी में 20 सैनिकों की शहादत पर एयरफोर्स चीफ आरकेएस भदौरिया ने कहा कि ‘चीन का यह एक्शन अस्वीकार्य है और हम अपने वीर जवानों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।’
बता दें कि भारतीय वायुसेना ने भी लद्दाख में अपने एडवांस्ड अपाचे हेलीकॉप्टर्स और अपग्रेड मिग 29 विमानों को तैनात कर दिया है। इसके अलावा वायुसेना ने जवानों और तोपों को ट्रांसपोर्ट करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर्स भी लद्दाख में तैनात कर दिए हैं।
तैयारियों का जायजा लेने के लिए एयर चीफ आरकेएस भदौरिया ने भी हाल ही में कश्मीर और लद्दाख का दौरा किया था। वहीं खबर है कि चीन ने भी तिब्बत के नजदीक नागरी बेस को तैयार किया है। इसके साथ ही सैटेलाइट इमेज से पता चला है कि मौजूदा रनवे के साथ ही कई और ट्रैक्स का भी निर्माण किया गया है।
बता दें कि गलवान घाटी में 20 जवानों के शहीद होने के बाद एलएसी पर स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है। दोनों तरफ से सेनाओं की तैनाती बढ़ी है।