India China Faceoff: भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हो रहे सीमा विवाद को दोनों देश 2014 के फॉर्म्युले के इस्तेमाल से खत्म करने की तैयारी में है। लद्दाख में भारत चीन के सीमा विवाद से लोग पहले से परिचित हैं। सीमा गतिरोध के दौरान विघटन प्रक्रिया में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ विवादित क्षेत्रों में गश्त करने वाले भारतीय और चीनी सैनिकों पर एक अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के बीच 2014 में चुमार में हुए गतिरोध के फॉर्म्युले को अपनाने पर बात हो सकती है। तब दोनों देशों की सेनाएं तीन सप्ताह तक आमने-सामने थीं, लेकिन कोई हिंसक झड़प नहीं हुई थी। ऐसे में इस बार फिर से उस फॉर्म्युले को अपनाते हुए शांति बहाली की जा सकती है।

चुमार में गतिरोध के दौरान दोनों देशों के एक-एक हजार सैनिक एक दूसरे के आमने सामने थे। दोनों देशों की सेनाओं के बीच महज पांच मीटर का फासला था। पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल  डीएस हुड्डा, जो चुमार गतिरोध के दौरान उत्तरी सेना के कमांडर थे ने बताया कि जब हमारे हेलीकॉप्टरों ने हमारे सैनिकों के लिए कुछ खाद्य सामाग्री गिराते तो चीनी सेना के पास भी यह चीजें गिरती दोनों देशों की सेनाओं के बीच फासला इतना कम था।

हुड्डा ने बताया विघटन की प्रक्रिया दो चरणों में समाप्त हुई थी।  विघटन के तौर-तरीकों पर काम किए जाने के बाद, हम चीनी को चेपज़ी में अपने शिविर से पीछे हटाने में सफल रहे, जो पाँच किमी दूर था। हम वापस अपने शिविर में चले गए। यह जटिल नहीं था क्योंकि दोनों ओर से शायद ही कोई आक्रमण हुआ हो। दूसरे चरण में, दोनों पक्ष आमने-सामने के विवादों से बचने के लिए विवादित क्षेत्रों में गश्त न करने पर सहमत हो गए।