भारत चीन गतिरोध को लेकर पीएम मोदी के बयान पर विपक्ष सवाल उठा रहा है। सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी के बयान को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को घेर रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने पीएम मोदी का लिखित बयान जारी किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी किए गए  स्पष्टीकरण में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सीमा की ओर चीनी सेना की कोई मौजूदगी न होने वाली टिप्पणियां सशस्त्र बलों की वीरता के बाद के हालात से जुड़ी हैं।

बयान में कहा गया है कि गलवान में चीनी सैनिकों के अतिक्रमण की कोशिश को सैनिकों के बलिदान ने नाकाम कर दिया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि पीएम मोदी के बयान पर जानबूझकर गलत धारणा फैलाई जा रही है। दरअसल, पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि लद्दाख में भारत की सीमा में कोई घुसा हुआ है और न ही हमारी कोई चौकी किसी दूसरे के कब्जे में है। उनके इस बयान पर सवाल उठने लगे कि ऐसा नहीं हुआ तो क्या फिर हमारे सैनिक चीन के इलाके में घुसे?

बता दें कि कांग्रेस ने लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को ‘चकित और हतप्रभ’ करने वाला करार देते हुए शनिवार को कहा था कि गलवान घाटी पर चीन के दावे को लेकर सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने यह सवाल भी किया कि अगर प्रधानमंत्री ने लद्दाख की सही स्थिति के बारे में बताया है तो फिर 20 जवानों का सर्वोच्च बलिदान क्यों हुआ और पिछले कुछ हफ्तों में चीन के साथ सैन्य स्तर पर किस विषय को लेकर बातचीत हो रही थी?

उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख में भारतीय सीमा में कोई बाहरी नहीं आया। यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री का बयान सेना प्रमुख, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री के पहले के बयानों के विपरीत है। उनका बयान हमें चकित और हतप्रभ कर गया।’’