भारत-चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने अपनी राय रखी। CDS ने बुधवार को कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद मानचित्रों की अलग-अलग समझ का नतीजा है और हम वास्तव में यह नहीं कह सकते कि कौन सा सही है और कौन सा गलत।

चौहान इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। एलएसी पर मौजूदा स्थिति और 1947 से चीन के संदर्भ में भारत का नक्शा कैसे छोटा होता जा रहा है, इस सवाल पर उन्होंने कहा, ” 1947 से भारत को अपना नक्शा छोटा होता हुआ दिख रहा है, अगर हम दूसरी तरफ होते, अगर हम 1950 में चीन होते और उनके नक्शे को देखते तो उन्हें भी पता चलता कि उनका नक्शा छोटा होता जा रहा है, कुछ हद तक हमारी वजह से। वे अरुणाचल प्रदेश राज्य पर अपना दावा करते हैं। यह विवाद चलता रहता है, हम वास्तव में यह नहीं कह सकते कि कौन सही है और कौन गलत।

चौहान ने आईआईसी में ‘भविष्य के युद्ध और भारतीय सशस्त्र बल’ विषय पर भाषण दिया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने की। इसमें पूर्व रक्षा सचिव और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा के साथ एक सत्र भी शामिल था। भविष्य के युद्धों के लिए चीन और पाकिस्तान की तैयारियों से जुड़े एक सवाल पर चौहान ने कहा, “कोई भी पेशेवर सेना भविष्य के युद्ध की तैयारी कर रही होगी। थिएटर कमांड और पुनर्गठन और सब कुछ। चीनियों ने नौ साल पहले ऐसा किया था। भले ही वे तब ऐसा न कर रहे हों, हमें यह मानना ​​होगा कि वे भविष्य के युद्ध की तैयारी कर रहे हैं।”

डेमचोक के बाद डेपसांग में भी जल्द शुरू होगी पेट्रोलिंग, गश्त करेंगे भारतीय सैनिक

मणिपुर में शांति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी किसकी?

चौहान से बातचीत के दौरान वोहरा ने मणिपुर का उदाहरण दिया और पूछा कि शांति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी किसकी है- गृह मंत्रालय की या सशस्त्र बलों की। वोहरा ने कहा, “क्या सेना ने पूछा है कि क्या उन्हें नागरिक प्राधिकरण के लिए सैन्य सहायक बनने के लिए कहा जा रहा है, क्या शर्तें हैं? उद्देश्य क्या हैं? जब तक व्यवस्था नहीं होगी, चीजें बड़े पैमाने पर गलत हो सकती हैं।”

भारत-चीन सीमा विवाद

गौरतलब है कि भारत-चीन के बीच लंबे समय तक चल रहे सीमा विवाद के बाद हाल ही में भारतीय सैनिकों ने डेमचोक इलाके में गश्त फिर से शुरू कर दी है। इससे पहले पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर डेमचोक और डेपसांग में टकराव वाले बिंदुओं पर दोनों ही देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझा लिया गया था। भारतीय सेना ने कहा था कि डेमचोक इलाके में गश्त शुरू हो गई है और जल्द ही डेपसांग के इलाकों में भी भारत के जवान गश्त करने लगेंगे। दरअसल, जून, 2020 में दोनों देशों के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जांबाज जवानों ने शहादत दी थी जबकि चीन के चार जवान मारे गए थे।