पूर्वी लद्दाख में तनातनी के बीच चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने पश्चिम अरुणाचल में भारत, चीन और भूटान के ट्राइजंक्शन के करीब 3 गांव बसा लिए हैं।

चीन ने जहां ये तीनों गांव बसाए हैं वह इलाका बम ला पास से करीब 5 किलोमीटर दूर है। एनडीटीवी की रिपोर्ट्स के अनुसार यह जानकारी सैटेलाइट से प्राप्त हालिया चित्र के आधार पर मिली है। चीन का यह हालिया कदम दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में सीमा विवाद को और अधिक जटिल बनाएगा। इस इलाके में नया निर्माण चीन के उस एजेंडे का हिस्सा है जिसके आधार पर वह अरुणाचल प्रदेश से सटे एरिया पर अपने दावे को मजबूत करना चाहता है।

इस संबंध में सामरिक मामलों के एक्सपर्ट ब्रह्म चेलानी का कहना है कि चीन भारत सीमा से सटे इलाके में हान चाइनीज और कम्युनिस्ट पार्टी के तिब्बती लोगों को बसा कर अपने क्षेत्रीय दावे को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहा है। चीन का एक उद्देश्य सीमा पर घुसपैठ बढ़ाना भी है।

सैटेलाइट से प्राप्त यह नई तस्वीरें चीन के उस कदम के बाद आई हैं जिसमें उसने भूटान के कब्जे वाले इलाके में गांव बसा लिए थे। भूटान में यह इलाका 2017 में भारत-चीन के बीच डोकलाम में हुए टकराव से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर था। मीडिया रिपोर्ट में दिखाया गया गांव चीनी क्षेत्र में हैं और यह उस समय बसाया गया था जब भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में एक दूसरे के आमने सामने थीं।

मालूम हो कि चीन और भारत के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद में यथा स्थिति बहाल करने को लेकर 8 दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी हैं लेकिन अभी तक दोनों पक्ष किसी भी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। सर्दियां बढ़ने के साथ ही इस इलाके में सैनिकों की तैनाती काफी मुश्किल काम है।

हालांकि, चीन की तरफ से लगातार बातचीत के जरिये सीमा विवाद का हल निकालने की बात कही जाती रही है। भारत भी मई से पहले की यथास्थिति बहाल करने की मांग पर अड़ा हुआ है। मालूम हो कि चीन को लेकर अमेरिका भी लगातार हमलावर बना हुआ है।

अमेरिका के शीर्ष खुफिया अधिकारी ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से चीन लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए “सबसे बड़ा खतरा” है। राष्ट्रीय खुफिया निदेशक जॉन रैटक्लिफ ने कहा कि बीजिंग अमेरिका के साथ टकराव की तैयारी कर रहा है।