इंडिया बनाम भारत को लेकर देशभर में सियासी घमासान मचा हुआ है। अब इसे लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने चैलेंज किया कि अगर बीजेपी में या प्रधानमंत्री में हिम्मत है तो वह इस देश का नाम बदलकर दिखाएं।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “इसे कोई नहीं बदल सकता। देश का नाम बदलना इतना आसान नहीं है। ऐसा करने के लिए आपको देश का संविधान बदलना होगा। अगर आपमें हिम्मत है तो ऐसा करो, हम यह भी देखेंगे कि कौन आपका समर्थन करता है।” उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, क्या इनके पास संसद में दो तिहाई बहुमत है? अगर है तो नाम बदल कर दिखाएं। मुल्क का नाम बदलना कोई मामूली बात नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां तक संविधान को पढ़ें तो वहां शुरुआत में ही लिखा है कि इंडिया दैट इज भारत जोकि राज्यों का संघ है।
विपक्षी गठबंधन INDIA अपना नाम बदलने के लिए तैयार
इससे पहले उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा था कि विपक्षी गठबंधन INDIA अपना नाम बदलने के लिए तैयार है। इंडिया का नाम बदलकर भारत करने की अटकलों के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने कहा था कि अगर यह कदम विपक्ष द्वारा अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखने से जुड़ा है, तो हम अपना नाम बदल लेंगे। उमर ने कहाथा कि हमारे संविधान में इंडिया और भारत दोनों का उल्लेख है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर सत्तारूढ़ सरकार देश को इंडिया के रूप में नामित नहीं करना चाहती है, तो वे भारत का उपयोग कर सकते हैं, पर देश के संविधान से इंडिया नाम को नहीं हटाया जाना चाहिए।
आप कितने नाम बदलेंगे- उमर अब्दुल्ला
अब्दुल्ला ने कहा कि देश में कई संस्थान इसका उपयोग करते हैं। उमर ने कहा, “कितने नाम बदलोगे? क्या आप चंद्रमा और अंतरिक्ष में रॉकेट भेजने वाले इसरो, एसबीआई, आईआईटी और आईआईएम के नाम भी बदल देंगे?” उन्होंने कहा कि अगर ऐसा सिर्फ इसलिए है, क्योंकि विपक्ष ने अपना नाम भारत रखा है, तो हम अपना नाम बदल देंगे। हम देश को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते लेकिन आप कितने नाम बदलेंगे।
वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि नॉटिफ़ाई कर दिया गया है, चुनाव होंगे। मुझे लगता है कि अक्टूबर के महीने में मतदान कराया जाएगा। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उन्होंने कहा कि केंद्र को इसे संसद के समक्ष रखने दीजिए, हम देखेंगे कि हम क्या कर सकते हैं।
कैसे शुरू हुआ भारत बनाम इंडिया विवाद?
दरअसल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से भेजे गए G20 रात्रिभोज के निमंत्रण में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखे जाने पर विवाद खड़ा हो गया। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नाम से इंडिया हटाकर सिर्फ भारत रखने की योजना बना रहे हैं। इससे पहले राष्ट्रीय सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने भी अपील की थी कि लोगों को इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए।