अपने नए प्रधानमंत्री को चुनने की जद्दोजहद में लगे ब्रिटेन को ये खबर शायद रास नहीं आएगी। इंटरनेशनल मोनेटरी फंड की नई लिस्ट में भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। ध्यान रहे कि आने वाले सोमवार को ब्रिटेन बोरिस जॉनसन का नया उत्तराधिकारी चुनने जा रहा है। ऐसे में जो नया नेता जॉनसन की जगह लेगा उसके लिए ये खबर अच्छी नहीं है।
हालांकि इससे पहले जो कयास लगाए गए थे उनमें 2027 तक उम्मीद थी कि भारत ब्रिटेन को पछाड़ देगा। आइएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिकी डालर में की गई गणना के बाद भारत ने कैलेंडर वर्ष 2021 की आखिरी तिमाही में ब्रिटेन को पछाड़ा है। आइएमएफ के आंकड़ों और मार्च तिमाही के अंत में डालर की विनिमय दर के आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डालर तक पहुंच गई जबकि इस दौरान ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डालर पर ठहर गई।
नई उपलब्धि हासिल करने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत सालाना आधार पर भी जल्द दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की बात करें तो भारत से अब सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी ही आगे हैं। एक दशक पहले भारत 11वें स्थान पर था जबकि ब्रिटेन पांचवें स्थान पर था।
Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान भारत की जीडीपी में 13.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। यह पिछले एक साल में सबसे अधिक है। इस तिमाही में यह वृद्धि दर हासिल करने वाला भारत दुनिया का इकलौता देश है। दूसरी तरफ ब्रिटेन की जीडीपी दूसरी तिमाही में सिर्फ एक फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है। महंगाई के आंकड़े इसमें मिला ले तो इसमें 0.1 फीसदी की सिकुड़न दिखती है।
अर्थव्यवस्था में गिरावट ब्रिटेन की नई सरकार के लिए सिरदर्द होगा। नई सरकार के सामने महंगाई और सुस्त अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती होगी। माना जा रहा है कि ऋषि सुनाक को हराकर लिज ट्रस बोरिस जॉनसन की नई उत्तराधिकारी बन जाएंगी।
हालांकि जो भी ब्रिटिश पीएम की कुर्सी पर बैठेगा उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती महंगाई से निपटने की होगी। पिछले चारदशकों में ये सबसे ज्यादा देखी जा रही है। दूसरी तरफ बैंक ऑफ इंग्लैंड ने 2024 तक Recession की आशंका भी जताई है। ऐसे में नए ब्रिटिश पीएम के लिए अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना बड़ी चुनौती होगी।