भारत ने अपनी तरह की पहली कार्रवाई में बीती रात नियंत्रण रेखा के पार स्थित सात आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए। सेना ने गुरुवार (29 सितंबर) को कहा कि इसके विशेष बलों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से भारत में घुसपैठ की तैयारी कर रहे आतंकवादियों को ‘भारी नुकसान’ पहुंचाया और अनेक आतंकी मारे गए। रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना के विशेष बलों ने 28 और 29 सितंबर की रात लगभग पांच घंटे तक चले अभियान में नियंत्रण रेखा के पार स्थित सात आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इस दौरान हेलीकॉप्टर सवार और जमीनी बलों का इस्तेमाल किया गया। सूत्रों ने बताया कि पीओके स्थित ये आतंकी ठिकाने नियंत्रण रेखा (एलओसी) से दो से तीन किलोमीटर के दायरे में थे और इन पर एक सप्ताह से अधिक समय से नजर रखी जा रही थी।

वहीं, केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कुपवाड़ा और पुंछ से लगती नियंत्रण रेखा के पार पांच-छह ठिकानों को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष को कोई नुकसान नहीं हुआ। आतंकी हमलों के ताजा प्रयासों को रोकने के लिए की गई इस त्वरित कार्रवाई के बारे में सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की। यह कार्रवाई उरी आतंकी हमले के 11 दिन बाद की गई है। पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकियों द्वारा उरी में एक सैन्य शिविर पर किए गए हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमलावर ‘सजा से बच नहीं पाएंगे’ और 18 जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा ।

जनरल सिंह ने कहा, ‘भारतीय सेना ने ये लक्षित हमले हमें कल मिली इस अत्यंत विश्वसनीय और विशिष्ट सूचना के आधार पर किए कि आतंकवादियों के कुछ दल घुसपैठ करने और जम्मू कश्मीर तथा देश के कई अन्य महानगरों में आतंकी हमले करने के इरादे से नियंत्रण रेखा पर आतंकी ठिकानों में जमा हुए हैं।’ संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप भी मौजूद थे। पाकिस्तान ने हालांकि भारत के दावे को ‘मनगढ़ंत’ करार दिया तथा कहा कि सीमा पार से की गई गोलीबारी को लक्षित हमले बताना भारत द्वारा मीडिया में सनसनी पैदा करने का प्रयास है ।

पाकिस्तानी सेना ने इस्लामाबाद में एक बयान में कहा, ‘भारत ने कोई लक्षित हमला नहीं किया है, इसकी जगह भारत की ओर से सीमा पार से गोलीबारी की गई जो अक्सर होता रहता है।’ भारतीय सेना द्वारा लक्षित हमले किए जाने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक के तुरंत बाद की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा अन्य को इन लक्षित हमलों के बारे में सूचित किया।

सैन्य अभियान महानिदेशक ने ब्योरा साझा करते हुए कहा कि अभियान मुख्यत: यह सुनिश्चित करने के लिए था कि ये आतंकवादी घुसपैठ करने और हमारे देश के नागरिकों के जीवन को नुकसान पहुंचाने के अपने नापाक इरादों में कामयाब न हो सकें। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद रोधी इन अभियानों में आतंकवादियों तथा उन्हें मदद पहुंचाने की कोशिश करने वालों को भारी नुकसान पहुंचा है।’ सिंह ने कहा, ‘आतंकवादियों को मार गिराने का अभियान पूरा हो गया है। अभियान को जारी रखने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। हालांकि भारतीय सशस्त्र बल किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’

डीजीएमओ ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक से बात की और उन्हें भारत की चिंताओं से अवगत कराया तथा बीती रात किए गए लक्षित अभियान का ब्योरा साझा किया। उन्होंने कहा, ‘क्षेत्र में शांति एवं अमन बनाए रखने का भारत का इरादा है, लेकिन हम निश्चित तौर पर नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों को सक्रिय रहने तथा हमारे देश के नागरिकों पर हमलों की अनुमति नहीं दे सकते।’ डीजीएमओ ने कहा, ‘भारत के खिलाफ अपनी जमीन या क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं होने देने की पाकिस्तान द्वारा 2004 में की गई प्रतिबद्धता के अनुरूप हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तानी सेना अपने क्षेत्र से आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के नजरिए से हमारा सहयोग करेगी।’

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