इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक दिल्ली में संपन्न हो गई। उस बैठक में वैसे तो कई मुद्दों पर चर्चा हुई, कुछ मुद्दों पर तकरार भी हुई, लेकिन एक जेडीयू नेता ऐसे भी रहें जिन्हें एक अलग ही बात का दर्द रहा। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कह दिया कि मीटिंग के दौरान समोसा नहीं खिलाया गया, बस चाय-बिस्किट में समेट दिया गया।
असल में ये बयान जेडीयू के बागी नेता सांसद सुनील कुमार पिंटू की तरफ से दिया गया है। उन्होंने तंज वाले अंदाज में ये स्टेटमेंट दिया। उनकी तरफ से कहा गया कि पहले मीटिंग जब होती थी, तब कम से कम समोसा तो मिलता था। इस बार बस चाय बिस्कुट पर समेट दिया। कांग्रेस ने खुद कह रखा है कि फंड की कमी चल रही है। इसी वजह से सिर्फ चाय बिस्किट आए, समोसे नहीं आ पाए।
अब जानकारी के लिए बता दें कि 19 दिसंबर को इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक हुई थी। उस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई, ये भी कहा गया कि 31 दिसंबर तक सीट शेयरिंग पर सबकुछ फाइनल कर लिया जाए। इसके अलावा एक बड़ी बात ये रही कि मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रोजेक्ट कर दिया। 12 दलों ने उनके नाम का समर्थन भी किया, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष ने खुद ही अपना नाम वापस ले लिया। उन्होंने अभी सिर्फ चुनाव में जीतने पर जोर दिया।
इस समय विपक्ष को एक और चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। असलल में इंडिया गठबंधन को बने कई महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी भी कई मुद्दोंं पर तालमेल की कमी और अविश्वास देखने को मिल रहा है। इसका एक बड़ा प्रमाण तो चौथी बैठक में तब मिल गया जब सपा ने दो टूक सवाल कर दिया- क्या यूपी में कांग्रेस को बसपा के साथ गठबंधन करना है? असल में अखिलेश यादव इसके विरोध में खड़े हैं, लेकिन कांग्रेस की यूपी वाली लोकल लीडरशिप इसके फेवर में दिख रही है। इसी वजह से मीटिंग के दौरान ये मुद्दा भी उठ गया। ये अलग बात है कि राहुल गांधी ने स्थिति साफ कर दी कि बसपा नहीं सपा के साथ ही यूपी में चुनाव लड़ा जाएगा।
इस समय EVM को लेकर भी विपक्षी पार्टियां एक राय नहीं रख पा रही हैं। कांग्रेस अगर फिर बैलट पेपर के पक्ष में खड़ी है तो कई पार्टियां बस VVPAT की वकालत कर रही हैं।