लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन इंडिया ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के दिल्ली वाले आवास पर कई घंटों की एक अहम बैठक की है। उस बैठक के बाद बताया गया है कि चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में इंडिया की पहली रैली होने जा रही है। बताया जा रहा है कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में ही उस विशाल रैली का आयोजन किया जा सकता है।

किन बातों पर बनी सहमति?

बताया जा रहा है कि 12 दलों के नेताओं ने इस बैठक में हिस्सा लिया। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी क्योंकि दुबई गई हुई हैं, ऐसे में वे शामिल नहीं हो पाई हैं। बड़ी बात ये है कि टीएमसी की तरफ से कोई दूसरा नेता भी नहीं आया। बैठक में फैसला लिया गया है कि जातिगत जनगणना पर सभी विपक्षी पार्टियों की एक ही राय रहेगी और सभीं इसका समर्थन करेंगी। इसी तरह सीट शेयरिंग को लेकर भी मंथन किया गया है, लेकिन उसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं।

कहां फंस रहा पेच?

जानकार मानते हैं कि तमिलनाडु, झारखंड जैसे राज्यों में सीट शेयरिंग को लेकर ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन सारी समस्या हिंदी पट्टी राज्य और पश्चिम बंगाल को लेकर चल रही है। वैसे इंडिया गठबंधन की बात करें तो ये कुछ समय पहले ही बनाया गया है। इस समय विपक्ष का प्रयास है कि पीएम मोदी को 2024 में हराने के लिए सभी को एकजुट होना पड़ेगा। उसी एकजुटता के लिए इंडिया गठबंधन का ऐलान हुआ। अभी तक तीन अहम बैठकें हो चुकी हैं, बिहार, बेंगलुरु और मुंबई में मंथन किया जा चुका है, लेकिन सीट शेयरिंग से लेकर चेहरे तक पर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है।

विपक्ष की तरफ से बस ये कहा जा रहा है कि मिनिमम कॉमन प्रोग्राम के तहत चुनाव लड़ा जाएगा। लेकिन चेहरे पर अभी कुछ भी खुलकर नहीं कहा जा रहा। सभी के अपने सपने हैं, लेकिन सामने से किसी का भी ऐलान नहीं किया जा रहा।