महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के भीतर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कर्नाटक के गृह मंत्री और कांग्रेस के चुनाव प्रभारी जी परमेश्वर ने रविवार को गठबंधन सहयोगियों के बीच सहयोग और समन्वय की कमी को शर्मनाक हार का कारण बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कई निर्वाचन क्षेत्रों में शिवसेना (यूबीटी) का पूरा समर्थन नहीं किया और उद्धव ठाकरे की पार्टी का रवैया भी ऐसा ही था। उन्होंने कहा कि एनसीपी (शरद पवार गुट) के साथ भी सहयोग की कमी स्पष्ट रूप से देखी गई।

क्या बोले जी परमेश्रर?

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक कांग्रेस नेता ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “कई जगहों पर हमने उनके लिए काम नहीं किया और उन्होंने हमारे लिए काम नहीं किया। जब हम गठबंधन में होते हैं तो हमें शिवसेना (UBT) उम्मीदवारों का समर्थन करना चाहिए और शिवसेना (UBT) को हमारे उम्मीदवारों का समर्थन करना चाहिए। शरद पवार की पार्टी के साथ भी यही समस्या हुई।”

कांग्रेस-एनसीपी (एसपी)-शिवसेना (यूबीटी) गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा है। शनिवार को वोटों की गिनती के बाद गठबंधन को केवल 49 सीटें मिलीं। उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने 20 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस 16 और शरद पवार की एनसीपी 10 सीटें जीतने में सफल रही।

कांग्रेस के चुनाव प्रभारी जी परमेश्वर ने टिप्पणी की कि कांग्रेस पार्टी को अधिक सीटें मिलने की उम्मीद थी। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को विदर्भ में अधिक सीटें जीतनी थीं। हमें 50 से अधिक सीटें जीतने की उम्मीद थी, लेकिन हम वहां केवल 8 सीटें ही जीत पाए। 105 सीटों में से हमने 60-70 सीटें जीतने का अनुमान लगाया था, लेकिन हमें वह हासिल नहीं हुआ जिसकी हमें उम्मीद थी।”

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कांग्रेस नेता ने EVM पर भी सवाल उठाया। परमेश्वर ने कहा, “हमने अपने नेताओं के बीच इस बात पर चर्चा की है कि हमारे देश में जब तक ईवीएम हैं, कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी के लिए सत्ता में आना बहुत मुश्किल होगा। वे (भाजपा) ईवीएम को हैक करने में माहिर हैं; वे जहां चाहें वहां उसमें हेरफेर करते हैं।”