5 लाख रुपए तक सालाना आमदनी वालों को सेक्‍शन 87ए के तहत टैक्‍स रिबेट की सीमा दो हजार रुपए से बढ़ा कर पांच हजार रुपए कर दी गई है। वित्‍त मंत्री का कहना है कि इससे दो करोड़ करदाताओं की टैक्‍स लायबिलिटी 3000 रुपए तक कम होगी। पर सच यह है कि यह राहत ऊंट के मुंह में जीरा बराबर भी नहीं है। पांच लाख रुपए तक सालाना आमदनी वालों के पास पहले से टैक्‍स बचाने के कई विकल्‍प थे। ढाई लाख रुपए तक वैसे ही टैक्‍स नहीं लगता। एचआरए और कुछ बचत स्‍कीम्‍स का फायदा उठा कर वे टैक्‍स देनदारी काफी कम कर लेते हैं।

किराये के मकान पर रहने वाले और एचआरए नहीं पाने वाले नौकरीपेशा लोगों की कर योग्‍य आय में कटौती की सीमा 24 हजार रुपए से बढ़ा कर 60 हजार रुपए सालाना कर दिया गया। इससे करीब 3600 रुपए तक की सालाना बचत हो सकती है।

अगर आप नोटिफाइड स्‍टार्टअप्‍स में पैसा लगाते हैं और उसमें आपकी बड़ी हिस्‍सेदारी है तो उससे होने वाली कमाई पर टैक्‍स नहीं लगेगा।

नेशनल पेंशन स्‍कीम से रिटायरमेंट के वक्‍त निकाले गए पैसे का 40 फीसदी तक करमुक्‍त रहेगा। ईपीएफ के मामले में भी यह बात लागू होगी, लेकिन इसमें शर्त यह है कि 1 अप्रैल, 2016 के बाद से जमा रकम का 40 फीसदी गिना जाएगा।

(पढ़ें- बजट के चलते क्‍या-क्‍या होगा महंगा)

टैक्‍स बचत का फायदा लेने के लिए पीएफ खाते में एम्‍प्‍लॉयर के योगदान की सीमा डेढ़ लाख रुपए सालाना की गई है।

पहला घर खरीदने वाले को ब्‍याज की रकम में 50 हजार रुपए की अतिरिक्‍त कटौती का फायदा मिलेगा। पर इसके लिए शर्त यह है कि घर 50 लाख रुपए से कम का और लोन 35 लाख रुपए से अधिक का नहीं होना चाहिए।

1 करोड़ से ज्‍यादा आमदनी वालों पर सरचार्ज 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया।

1 जून, 2016 से वे सारी चीजें और महंगी हो जाएंगी जिन पर सर्विस टैक्‍स लगता है। बतों दें कि ज्‍यादातर सेवाएं इस टैक्‍स के दायरे में पहले ही लाई जा चुकी हैं। कृषि कल्‍याण सेेस के रूप में इसमें 0.5 फीसदी ज्‍यादा पैसे लगेंगे।

1 मार्च 2016 के बाद नई मैन्‍युफैक्‍चरिंग कंपनियों के लिए 25 फीसदी टैक्‍स के साथ सेस और सरचार्ज का प्रावधान

लंबित टैक्‍स मामलों के निपटारे के लिए 11 नए टैक्‍स ट्रिब्‍यूनल बेंच खोले जाएंगे। अगर आपने पहले इन्‍कम घोषित नहीं की है और इसे लेकर विभाग से विवाद है तो 45 फीसदी (अघोषित आय का) रकम चुका कर आप इससे बरी हो सकते हैं।

(वित्‍त मंत्री ने दीं ये अहम 15 सौगातें)

टैक्‍स डिपार्टमेंट में नई टेक्‍नोलॉजी को बढ़ावा दिया जाएगा

50 करोड़ रुपए से कम के 13 टैक्‍सेस को सरकार खत्‍म करेगी

स्‍मॉल टैक्‍सपेयर्स के लिए टीडीएस को तर्कसंगत बनाया जाएगा

2016-17 में टैक्‍स प्रस्‍तावों से 19610 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान

इसके अलावा 2 करोड़ रुपये के टर्नओवर पर टैक्स कम किया गया है।

टैक्‍स स्‍लैब जस का तस: मौजूदा टैक्स स्लैब के हिसाब से 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है। 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगता है। वहीं 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगता है। 10 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आमदनी पर 30 फीसदी की दर से इनकम टैक्स लगाया जाता है। सीनियर सिटीजन को 3 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है।

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