मध्य प्रदेश के भोपाल में एक शख्स के नाम पर 8 साल पहले कथित फर्जी बैंक खाता खोलकर करोड़ों रुपए के लेन-देन को अंजाम दिया गया। जब इसपर आयकर विभाग की नजर पड़ी तो शख्स के नाम पर तीन करोड़ रुपए का टैक्स रिकवरी नोटिस जारी कर दिया गया। खास बात ये है कि जिस समय इस लेन-देन को अंजाम दिया गया तब यह शख्स 7 सात हजार रुपए महीना कमाता था। शख्स का नाम रवि गुप्ता है और वह भिंड जिले के मिहोना का निवासी है।

नोटिस में शख्स से पूछा गया है कि उसने 134 करोड़ का लेन-देने कैसे किया। इसके साथ ही नोटिस में यह भी कहा गया है कि उन्होंने इस अमाउंट पर कोई टैक्स अदा क्यों नहीं किया। शख्स से कहा गया है कि वह करीब 3 करोड़ रुपए का टैक्स अदा करे। विभाग ने कहा है कि यह लेन-देन मुंबई में एक बैंक की ब्रांच में खोले गए खाते से किए गए हैं।

आयकर विभाग ने अपने नोटिस में कहा है कि यह लेन-देन 2011-2012 के दौरान किया गया है। शख्स का आरोप है कि उसके दस्तावेज का इस्तेमाल कर नकली हस्ताक्षर के जरिए मुंबई में एक अकाउंट खोला गया है। इस अकाउंट के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया गया है। रवि का कहना है कि 8 साल पहले उसकी सैलरी मात्र 7000 रुपए थी तो ऐसे में वह करोड़ों के लेन-देन की की बात सोच तक नहीं सकता।

इस मामले में रवि ने खुद ही तहकीकात भी की है जिसमें उनके सामने कई चौंकाने वाली बातें सामने आई। शख्स ने आरोप लगाया है कि इस लेन-देन के पीछे पंजाब नेशनल बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी हैं। गुप्ता ने आरोप लगाया कि लेन-देन गुजरात की एक हीरा ट्रेडिंग कंपनी द्वारा किया गया है। इस कंपनी का संबंध नीरव और मेहुल से है।

गुप्ता ने कहा है कि ‘जब इतनी बड़ी रकम का लेन-देन किया गया तो उस समय मेरी उम्र 21 साल थी। मैं 2011 और 2012 के दौरान कभी मुंबई और गुजरात भी नहीं गया। मैं इंदौर में एक प्राइवेट फर्म में काम करता था और 7000 रुपए महीना कमाता था जो कि टैक्स मुक्त था। मैंने इस मामले में मध्य प्रदेश साइबर सेल, महाराष्ट्र पुलिस, पीएमओ और आईटी अधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखा है। मैंने उनसे पत्र में कहा है कि मुझे टैक्स रिकरवरी से मुक्त किया जाए।