ब‍िहार के भागलपुर में 24 अगस्‍त को पूर्व उपमहापौर राजेश वर्मा और उनके करीबी लोगों के व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर आयकर महकमा के अधिकारियों ने छापा मारा। छापेमारी टीम के अफसर करीब 25 गाड़ियों में सवार होकर पटना से सुबह-सुबह भागलपुर पहुंचे। सभी गाड़ियों पर नमामि गंगे का स्टिकर चस्पा था, ताकि किसी को संदेह न हो सके।

राजेश वर्मा और इनके परिवार के नाम से भागलपुर के पांच ठिकानों के अलावे पूर्णिया और झारखंड के देवघर स्‍थ‍ित शोरूम पर भी आयकर के छापे एक साथ डाले गए हैं। राजेश वर्मा चिराग पासवान की लोजपा से भागलपुर सीट से बिहार विधानसभा का चुनाव 2020 में लड़े थे, पर वे शिकस्त खा गए थे।

जानकार बताते हैं कि राजेश वर्मा के परिवार का हरिओम लक्ष्मी नारायण के नाम से ज्वेलरी का शोरूम है। इसी नाम से भागलपुर के सोनापट्टी, खलीफाबाग, तिलकामांझी जाने वाली सड़क पर और पूर्णिया व देवघर में भी बड़े शोरूम हैं। इसके अलावे उनका अपार्टमेंट और जमीन का भी कारोबार है। खलीफाबाग वाले शोरूम के ऊपर कई फ्लैट बनाकर किराए पर दे रखे हैं।

आयकर व‍िभाग के छापेमारी दल में शाम‍िल उज्ज्वल तिवारी ने इन फ्लैटों में रहने वालों को सुबह ही जगाकर पूछताछ की। किराए पर रह रहे पंजाब नेशनल बैंक के भागलपुर मंडल प्रमुख प्रभाषचंद्र लाल ने बताया कि अब तक दो दफा पूछताछ की गई है।

भागलपुर में पंचवटी होटल के मालिक दिलीप राय, नाथनगर के विजय यादव, वैजानी के मृत्युंजय सिंह, चुनिहारी टोला के जानी संथालिया, मनीष जालान, राकेश शर्मा और सुलतानगंज के शिवम चौधरी के ठ‍िकानों पर भी छपे पड़े। इनमें मनीष, राकेश पूर्व उपमहापौर के काफी करीबी बताए जाते हैं।

ज्ञात हो कि अपर पुलिस महानिदेशक ने एक पत्र भागलपुर के एसएसपी को भेजा है, जिसमें पटना उच्च न्यायालय में दायर मिसलेनियस केस नंबर 34822/2020 , 253/2021,16965/2021 का उल्लेख किया गया है। इसी के तहत एसएसपी से गहन जांच कराने को कहा गया है। इसमें शिवम चौधरी, रामधनी यादव (दोनों सुलतानगंज), प्रवीण कुशवाहा इनके बड़े भाई दीपक कुशवाहा, पूर्व उपमहापौर राजेश वर्मा, ओम प्रकाश उर्फ बागेश सिंह (सभी भागलपुर) और नाथनगर के विजय यादव के नाम का जिक्र है। एसएसपी ने संबंधित थानेदारों से जांच कराई है। मगर उनकी जांच से वे संतुष्ट नहीं हैं। अब जांच का जिम्मा एएसपी और सिटी एसपी को दिया गया है।

एडीजे का एसएसपी को लिखे पत्र में इन पर सूद पर लोगों को करोड़ों रुपए देने, वसूली के लिए अपराधियों का इस्तेमाल करने, जमीन की खरीद-बिक्री करने और गलत तरीके से धन कमाने का आरोप है। आयकर छापे को इस पत्र से जोड़कर भी देखा जा रहा है। इसकी वजह है कि राजेश वर्मा, शिवम चौधरी, विजय यादव का नाम अपर पुलिस महानिदेशक के जारी पत्र में उल्लेख है।