पुडुचेरी के स्वास्थ्य मंत्री मल्लादी कृष्ण राव बुधवार को उपराज्यपाल किरण बेदी की नीतियों के खिलाफ विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए। यानम शहर से विधायक राव ने एक दिन पहले ही कहा था कि किरण बेदी ने कोरोनावायरस संकट के बीच चुनी हुई सरकार का एक फैसला पलट दिया। इसके खिलाफ राव ने इस्तीफे की धमकी दी है।
क्या है मामला?: दरअसल, कोरोनावायरस संकट के चलते पुडुचेरी की उपराज्पाल किरण बेदी ने प्रशासन से सख्ती से लॉकडाउन का पालन कराने के लिए कहा है। इसके चलते हैदराबाद, ओडिशा और पुत्तापार्थी से पैदल चलकर पुडुचेरी की सीमा तक पहुंचे यानम के रहने वाले 13 प्रवासी बॉर्डर पर ही फंस गए। यानम प्रशासन ने आंध्र प्रदेश से सटी अपनी सीमा बंद कर दी है और किसी को भी आने की इजाजत नहीं है।
इससे पहले पुडुचेरी के मुख्यमंत्री पी नारायणसामी और मल्लादी कृष्ण राव ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। सीएम ने प्रशासन से मानवतावादी आधार पर प्रवासियों को केंद्र शासित प्रदेश में आने देने की अपील की। लेकिन प्रशासन ने उनकी बात अब तक नहीं सुनी है। इसके विरोध में ही कृष्ण राव धरने पर बैठे हैं।
आंध्र प्रदेश में ही किया गया प्रवासियों के रुकने का इंतजामः राव ने स्पीकर वीपी शिवाकोलुंथु को ज्ञापन सौंप कर कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है और उपराज्यपाल किरण बेदी लगातार जिले में सभी कार्यों को रोक रही हैं। हालांकि, प्रशासन की तरफ से रियायत न दिए जाने के बाद प्रशासन ने सभी 13 लोगों के ठहरने की व्यवस्था आंध्र प्रदेश के एक बोटानिकल गार्डन में ही टेंट में कर दी हैं। यहां अभी उनके सैंपल्स टेस्टिंग के लिए ले जाए जा रहे हैं।
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी और स्पीकर शिवाकोलुंथु दोनों ही राव से धरना खत्म करने की अपील कर चुके हैं, हालांकि राव ने कहा है कि वे सिर्फ तभी उठेंगे, जब उनकी विधानसभा का मसला सुलझा दिया जाएगा।