राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव अपनी वाकपटुता के लिए जाने जाते हैं। अन्ना आंदोलन के दौर में इंडिया टीवी के शो ‘आप की अदालत’ में जब एक दर्शक ने लालू प्रसाद से सवाल किया कि कब तक डराएगा लालू जी ये भष्टाचार का भालू? जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि साईं इतना दीजिए जा में कुटुम समाय।

लालू प्रसाद ने कहा कि कहा कि कोई भालू नहीं डराएगा। रूखी सूखी खाय कै ठंडा पानी पीव देख पराई चूपरी मत ललचावे जीव। साथ ही उन्होंने कहा कि साईं इतना दीजिए जा में कुटुम समाय।मैं भी भूखा ना रहूँ, साधु न भूखा जाय। जब एंकर रजत शर्मा ने कहा कि आप तो काफी अच्छा प्रवचन देते हैं तो लालू प्रसाद ने कहा कि मैं इससे भी अच्छा प्रवचन दे सकता हूं लेकिन मैं नहीं चाहता की उनके बीच में जाकर उनके काम को प्रभावित करूं।

बाबा रामदेव पर बोलते हुए लालू प्रसाद ने कहा था कि मैंने उनके काम को देखा है लेकिन उनके काम में मैं हस्तक्षेप नहीं करना चाहता हूं। लेकिन मैंने ये भी देखा है कि दुनिया थक गयी है कैंसर का इलाज के लिए वो कहते हैं कि कैंसर ठीक हो गया। तो ठीक है… अपना रोजगार चलाते रहिए।

लालू प्रसाद ने कहा था कि मैं नहीं जानता हूं कौन है केजरीवाल लेकिन वो मिलने आए थे। किरण बेदी आयी थी मैंने उन लोगों से कहा कि आप ये बताइए कि लोकपाल बिल बन जाने के बाद भष्टाचार खत्म होने की गारंटी है क्या?

बताते चलें कि यूपीए 2 की सरकार को लालू प्रसाद की पार्टी ने बाहर से समर्थन किया था। 2009 में हुए लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस और राजद के बीच गठबंधन नहीं हो पाया था जिसके बाद दोनों ही पार्टी अलग-अलग चुनाव में उतरी थी। यूपीए 2 की सरकार के दौरान अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के विरोध में देश भर में आंदोलन हुए थे।