चुनाव आयोग ने आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। यहां चुनाव एक ही चरण में कराए जा रहे हैं। 14 फरवरी को मतदान कराया जाएगा। वहीं चुनाव परिणाम अन्य राज्यों के साथ 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे। उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च को समाप्त हो रहा है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में चुनाव संबंधी तारीखों का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए चुनावी प्रक्रिया को संपन्न किया जाएगा और इसमें हिस्सा लेने वाले सभी कर्मियों को कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सभी मतदान केंद्रों पर सैनिटाइजर और मास्क जैसी कोविड से बचाव की सुविधाएं उपलब्ध होंगी और मतदाता केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। चुनावों की घोषणा के साथ ही सभी पांच राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभावी हो गई। आयोग ने कहा कि इस बार जिन चीजों पर जोर दिया गया है, उनमें कोविड से बचाव करते हुए चुनाव कराने के साथ मतदान में जनता की भागीदारी ज्यादा से ज्यादा सुनिश्चित की जा रही है। सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखकर ही चुनाव कराए जा रहे हैं। 18.3 करोड़ मतदाता पांच राज्यों में मतदान का इस्तेमाल करने जा रहे हैं।
Uttarakhand Election 2022: Polling Date, Time, Counting Day, Full Schedule
21 जनवरी 2022 को जारी होगा नोटिफ़िकेशन
28 जनवरी 2022 को नामांकन की अंतिम तारीख
29 जनवरी 2022 नामांकन पत्रों की जांच की तारीख
31 जनवरी 2022 नाम वापस लेने की अंतिम तारीख
14 फरवरी 2022 मतदान की तारीख
उत्तराखंड असेंबली इलेक्शन का रिजल्ट 10 मार्च को आएगा
क्या रहे पिछले उत्तराखंड चुनाव के नतीजे
उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च 2022 को खत्म हो रहा है। उत्तराखंड 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रचंड बहुमत प्राप्त कर सत्ता में आई थी। 2017 चुनाव में बीजेपी को 57 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। कुल 70 सीटों वाली विधानसभा में विपक्षी दलों के हाथ मात्र 11 सीटें ही लगी थीं। उस समय के मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी दोनों सीटों पर हार गए थे। बीजेपी उत्तराखंड में प्रचंड बहुमत के साथ आई, लेकिन उसे तीन सीएम बदलने पड़े। चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद सबसे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत सीएम बने, उसके बाद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को बाद में उन्हें भी हटाना पड़ा और इस समय पुष्कर सिंह धामी राज्य के सीएम हैं।
पंजाब असेंबली इलेक्शन शेड्यूल 2022
2017 में 70 सदस्यों वाली उत्तराखंड विधानसभा के लिए 15 फरवरी को 69 सीटों पर वोट डाले गए थे। कर्णप्रयाग में बसपा उम्मीदवार की मौत के बाद वोटिंग टाल दी गई थी। बाद में इस सीट को भी बीजेपी ने जीत लिया। इस जीत के साथ भाजपा के पास 57 सीटें हो गईं। 2017 में दो सीटें निर्दलीयों ने जीती थीं। इससे पहले 2012 के असेंबली चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। उस समय कांग्रेस ने निर्दलीयों और पीपल्स डेमोक्रैटिक फ्रंट की मदद से सरकार बनाई थी।

मणिपुर असेंबली इलेक्शन शेड्यूल 2022
2017 में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नतीजों से पहले दावा किया था कि उनकी पार्टी ही सरकार बनाएगी लेकिन वह अपनी भी सीटें बचा नहीं सके। रावत किच्छा और हरिद्वार ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ रहे थे। ये दोनों ही सीटें BJP ने जीतीं। हरिद्वार ग्रामीण सीट पर उन्हें BJP के यतीश्वरानंद ने 12,000 वोटों से शिकस्त दी तो किच्छा में वह BJP के राजेश शुक्ला से महज 2127 वोटों से हार गए। रावत के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी सहसपुर सीट से चुनाव हार गए थे। रावत कैबिनेट के कई मंत्री, सुरेंद्र सिंह नेगी, दिनेश अग्रवाल, मंत्री प्रसाद नैथानी, दिनेश धनै, हरीश चंद्र दुर्गापाल, नवप्रभात राजेंद्र सिंह भंडारी भी चुनाव हार गए थे। केवल इंदिरा हृदयेश (हल्द्वानी) और प्रीतम सिंह (चकराता) अपना किला बचाने में कामयाब रहे।
यूपी असेंबली इलेक्शन शेड्यूल 2022
पिछले असेंबली चुनाव में जीतने के बाद बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया था। चार साल तक त्रिवेंद्र सिंह रावत सीएम रहे। 9 मार्च, 2021 को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सांसद तीरथ सिंह रावत सीएम बने। कुछ ही महीने में ही उन्हें भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद पुष्कर सिंह धामी को राज्य का सीएम बनाया गया, फिलहाल धामी उत्तराखंड के सीएम हैं।
गोवा असेंबली इलेक्शन शेड्यूल 2022
इस दफा कांग्रेस और भाजपा में ही सीधा मुकाबला माना जा रहा है। इस बार आम आदमी पार्टी भी दमखम के साथ चुनाव में उतरी है। वहीं बसपा ने भी सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली जैसे मुद्दों को विपक्ष उठा रहा है। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी अब अपने प्रचार पर 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे।
उत्तराखंड चुनाव में बीजेपी के बार-बार सीएम बदलने का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। इस वर्ष चार जुलाई को खटीमा के युवा विधायक धामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। तब यहां के राजनीतिक गलियारों में भाजपा की ओर से बार-बार मुख्यमंत्री बदलने का प्रश्न तेजी से गूंज रहा है। धामी ने जब राज्य की कमान संभाली तब एक नहीं अनेक प्रश्न मुंहबाए खड़े थे। उनमें से कुछ का समाधान हुआ तो कुछ का नहीं। केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लेकर माहौल को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है। उसके बाद देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को निरस्त कराकर धामी ने तीर्थ पुरोहितों को शांत किया है।