पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में विधानसभा उपचुनाव के लिए चल रहे प्रचार के दौरान मंगलवार को बीजेपी उम्मीदवार और एक विधायक के साथ धक्का-मुक्की की गई। खास बात है कि यह सारा वाकया भाजपा के एक सांसद की मौजूदगी में हुआ। बीजेपी ने इसके लिए तृणमूल पर आरोप लगाया है लेकिन ममता की पार्टी ने इससे साफ तौर पर इन्कार किया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक जलपाईगुड़ी से भाजपा के सांसद जयंत रॉय की मौजूदगी में यह घटना हुई। दिनहाटा विधासनभा सीट के लिए उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार अशोक मंडल और नाताबाड़ी से पार्टी के विधायक मिहिर गोस्वामी के साथ यह घटना हुई। उस दौरान वो नायरहाट में चुनाव प्रचार कर रहे थे। तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उपचुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे भाजपा नेताओं के लिए वापस जाओ के नारे लगाए। यहां 30 अक्टूबर को उप चुनाव होना है।
मंडल और गोस्वामी को सोमवार को बामनहाटा में भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था। भाजपा ने आरोप लगाया कि पार्टी कार्यकर्तांओं को चुनाव प्रचार से रोकने के लिए ऐसी हरकत की गई। दिनहाटा सीट से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक चुनाव जीते हैं। उन्होंने अपनी सांसद सीट को बरकरार रखने का फैसला लिया इसकी वजह से इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी। तृणमूल कांग्रेस ने यहां से उदयन गुहा को फिर से टिकट दिया है। वह प्रमाणिक से चुनाव हार गए थे। दिनहाटा के अलावा शांतिपुर (नदिया), गोसाबा (दक्षिण 24 परगना) और खरदा (उत्तर 24 परगना) सीटों पर भी उपचुनाव होंगे।
गौरतलब है कि बंगाल में बीजेपी व तृणमूल के बीच लगातार तल्खी चली आ रही है। हाल में हुए भवानीपुर उप चुनाव में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने TMC कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि किसी तरह हंगामें के बाद सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ से निकालकर उन्हें उनकी कार तक पहुंचाया। वहीं, भाजपा ने आरोप लगाया है कि मारपीट करने वालों में ममता बनर्जी का भाई भी शामिल था।
हालांकि तमाम जोर आजमाइश के बाद भी बीजेपी को भवानीपुर सीट गंवानी पड़ी थी। दोनों दलों के बीच तल्खी का ये आलम है कि तमाम केंद्रीय एजेंसियां फिलहाल बंगाल में डेरा डाले हुए हैं। बंगाल में हुए आम चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच के लिए वो मशक्कत कर रही हैं। उधर, तृणमूल का आरोप है कि बीजेपी एजेंसियों के जरिए शिकंजा कस रही है।