हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली को लेकर एक नया कानून बनाया गया, जिसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की शक्तियों को कम करने का आरोप केंद्र पर लगाया था। कानून को लेकर आजतक पर जारी एक बहस में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और शो के एंकर रोहित सरदाना के बीच नोंकझोंक हो गयी। रोहित सरदाना ने पूछा था कि क्या केंद्र सरकार केजरीवाल सरकार का पावर कट कर देना चाहती है?

सुधांशु त्रिवेदी ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने न किसी भी प्रकार का कोई संविधान संशोधन किया है, न किसी की शक्तियों में कोई कमी की है। 1991 का जो दिल्ली का अधिनियम था जो संविधान के अनुच्छेद 239 AA के तहत था उसमें केवल कुछ चीजों को लेकर अस्पष्टता थी,उसे ठीक किया गया है। पहले हर तरह के राष्ट्रीय मुद्दों पर आम आदमी पार्टी वाले आकर बैठ जाते थे। उससे बड़ी पार्टी डीएमके,सपा जैसी पार्टी थी। लेकिन दिल्ली में होने का लाभ इन्हें मिलता था। अब ये साफ है कि दिल्ली एक राज्य नहीं है एक केंद्र शासित प्रदेश है।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि एक केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर जितनी शक्तियां आपको होनी चाहिए वो यथावत है। यह जो भी प्रचार की जा रही है वो गलत है। रोहित सरदाना ने पलटवार करते हुए पूछा कि अगर आपकी सरकार बन जाती तो आप इसे पूर्ण राज्य की तरफ ले जाते जिसे आपने वादा किया था। लेकिन जब आपसे हो नहीं रहा तो जो भी थोड़ा बहुत राज्य है उसे भी खत्म कर दिया जाए।

सुधांशु त्रिवेदी ने जवाब देते हुए कहा कि दो विधानसभा चुनाव उन्होंने जीता है, 67 और 62 सीटों पर उन्हें जीत मिली है। लेकिन अगर आप देखेंगे तो दो लोकसभा चुनावों में शून्य पर रहे हैं, ये भी एक यथार्थ है।

लेकिन मैं यहां ये कहना चाहता हूं कि मेरे मन में इस तरह की कोई बात नहीं है। आप ही लोग बताएं दुनिया के किस देश की राजधानी में उसका एक अलग वैधानिक व्यवस्था है? ऐसा नहीं होता है, दुनिया में कहीं भी ऐसा नहीं होता है।