भारतीय संसद से पास हुए नागरिकता संशोधन बिल को लेकर देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी इसका आलोचना की है और आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार अपने हिंदू वर्चस्ववादी एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। इमरान खान ने ट्वीट कर कहा कि “मोदी सरकार में भारत धीरे-धीरे हिंदू वर्चस्ववादी एजेंडे की तरफ बढ़ रही है।”
इमरान खान ने कहा कि “जम्मू कश्मीर को अवैध तौर पर सीज कर और फिर असम में एनआरसी लागू कर इसकी शुरूआत हुई थी। अब नागरिकता संशोधन बिल के जरिए इसे बढ़ाया जा रहा है।” इमरान खान ने कहा कि मोदी सरकार का हिंदूवादी एजेंडा पाकिस्तान के लिए खतरा है और इससे बड़ी संख्या में खूनखराबा होगा और इसका असर पूरी दुनिया पर होगा।
इमरान खान ने अपने ट्वीट में कहा कि दुनिया को यह पता होना चाहिए कि नाजी जर्मनी के वर्चस्ववादी एजेंडे के चलते ही द्वितीय विश्वयुद्ध हुआ था। उन्होंने दुनिया के देशों से इस मामले में दखल देने की अपील की। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने इमरान खान को करारा जवाब दिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पाकिस्तानी पीएम के ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “यह जरूरी नहीं है कि हम पाकिस्तान के पीएम के हर बयान का जवाब दें। उनके सभी बयान गैरजरूरी हैं, उन्हें पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत पर ध्यान देना चाहिए और उसके बाद भारत के आंतरिक मामले पर बयानबाजी करनी चाहिए।”
बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल के तहत सरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन धर्म के लोगों को नागरिकता देगी। इस बिल में मुस्लिमों को बाहर रखा गया है, जिसका राजनैतिक पार्टियां विरोध कर रही हैं।