दिल्ली में प्रदूषण को लेकर रेखा सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने माफी मांगी है। पर्यावरण मंत्री सिरसा ने कहा कि किसी भी चुनी हुई सरकार के लिए 9-10 महीनों में AQI को कम करना असंभव है। मैं दिल्ली में प्रदूषण के लिए माफी मांगता हूं।

सिरसा ने कहा कि हम बेईमान आम आदमी पार्टी सरकार से बेहतर काम कर रहे हैं और हमने हर दिन AQI को कम किया है। प्रदूषण की यह बीमारी हमें आम आदमी पार्टी ने दी है और हम इसे ठीक करने के लिए काम कर रहे हैं।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि वैध PUCC के बिना वाहन मालिकों को गुरुवार से पेट्रोल पंपों पर ईंधन देने से इनकार कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुरुवार से दिल्ली के बाहर से सिर्फ BS-VI गाड़ियों को ही आने की इजाजत होगी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, आनंद विहार, एम्स, गाजीपुर और इंडिया गेट सहित कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब से लेकर गंभीर स्तर की दर्ज की गई है। आनंद विहार और गाजीपुर में एक्यूआई 410 दर्ज किया गया, जिसे ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा गया है, जबकि एम्स में 397 और इंडिया गेट में 380 एक्यूआई दर्ज किया गया, जो दोनों ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आते हैं।

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प्रदूषण का स्तर निर्धारित सीमा से अधिक होने के कारण, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर में श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के चरण-IV के तहत सभी उपाय लागू कर दिए हैं। चरण-IV प्रतिबंधों का सबसे सख्त स्तर है, जो वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 450 से अधिक होने पर लागू होता है और इसका उद्देश्य जनता के प्रदूषण के संपर्क को कम करना और वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकना है।

प्रदूषण से निपटने में कम से कम 27 महीने लगेंगे- रेखा गुप्ता

पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बढ़ते प्रदूषण के विरोध प्रदर्शनों को संबोधित करते हुए कहा था कि यह संकट वर्षों की उपेक्षा का परिणाम है और इसे हल करने में समय लगेगा। पीतमपुरा में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को इस दीर्घकालिक समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त समय चाहिए।

मुख्यमंत्री में कहा था कि जो लोग इंडिया गेट पर बड़े-बड़े बयान देते हैं और विरोध प्रदर्शन करते हैं… प्रदूषण कोई नई समस्या नहीं है, यह वर्षों से चली आ रही है। पिछली सरकार ने क्या किया? उस समय आप कहां थे? यह 27 वर्षों का लंबित मामला है। सरकार को 27 वर्षों के इस लंबित मामले को निपटाने के लिए कम से कम 27 महीने चाहिए।

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