बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF),और संयुक्त राष्ट्र (UN) बुनियादी डेटा नहीं देखते। इसी वजह से वो चीन के मामले में लगातार गलत साबित हुए हैं। चीन ने उनकी अपेक्षा से कहीं ज्यादा तरक्की कर सारे विश्व को भौचक कर डाला है। वो आज भी तेजी से अपने पैर पसार रहा है।
स्वामी ने कहा कि चीन का विकास भारत की तुलना में बहुत ज्यादा तेजी से हुआ है। दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने के बाद के हालात में भारत और चीन दोनों ही गरीब देशों में शुमार थे। बीते 40 सालों में चीन ने जो आर्थिक सुधार किए उससे यह देश सुपरपावर की फेहरिस्त में शुमार हो गया। जबकि एक समय दोनों ही देशों की अर्थ व्यवस्था बेहद धीमी गति से चल रही थी। 1970 के बाद चीन ने बहुत ज्यादा तेजी के साथ अपने देश की गरीबी को कम किया।
Dr Subramanian Swamy on Macro Economic Contrast of India with China – Part II https://t.co/JADbOD9rKH
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 19, 2021
बीजेपी सांसद ने कहा कि चीन ने अपने बुनियादी ढांचे को बहुत तेजी से मजबूत किया। 80 के दशक की बात की जाए तो चीन में भारत की अपेक्षा कहीं ज्यादा गरीबी थी। 1978 में चीन ने अपने आप में सुधार किया और बाजार में आ रहे बदलावों के अनुरूप खुद को तैयार किया। जिससे वो आज महाशक्ति बन चुका है।
उनका कहना है कि भारत ने सुधारों को तब आत्मसात किया जब नरसिंह राव देश के प्रधानमंत्री थे। ये भारत के लिए एक टर्निंग प्वाइंट था। 1990 में चीन की जीडीपी पर कैपिटा 348 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी, जबकि भारत 364 बिलियन डॉलर थी। 2017 में सीन में बदलाव हुआ। एक लंबे समय तक भारत चीन को कारोबार के मामले में पीछे छोड़ता रहा था, पर अब स्थिति उलट है।
उनका कहना है कि आज चीन हर मामले में भारत से मीलों आगे है। हमारी सरकारें केवल बातें करती हैं जबकि चीन हर क्षेत्र में प्रभावी कदम उठाकर लक्ष्य को हासिल करता है। ये बुनियादी अंतर ही चीन और भारत को एक दूसरे से काफी हटकर खड़ा करता है। उनका कहना है कि दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने के बाद के हालात में बीते 40 सालों में चीन ने जो आर्थिक सुधार किए उससे यह देश सुपरपावर बन गया।