हिमाचल प्रदेश में आकस्मिक बाढ़ (Flash Flood) और भारी बारिश की वजह से कई सड़कों को ब्लाक कर दिया गया है। इसके चलते जगह-जगह पर्यटक और अन्य लोग फंसे हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के मनाली जाने वाले पर्यटकों के लिए भारतीय मौसम विभाग ने खास तौर पर अलर्ट किया है। आईएमडी (IMD) ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। शिमला में भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने कहा, “अगले 5 दिनों तक बारिश की संभावना है। कुछ स्थानों पर भारी बारिश का अलर्ट जारी है। आज के लिए ऑरेंज अलर्ट और कल से येलो अलर्ट जारी किया गया है। जून में सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना है।”

कई रास्तों पर आवागमन नहीं होने से पर्यटक फंसे हैं

चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे 24 घंटे तक बंद रहने के बाद मंगलवार को फिर से खोल दिया गया। इसके बावजूद कई रास्तों पर आवागमन अभी शुरू नहीं हो सका है। जिन रास्तों को बंद किया गया है, उसमें डेयर्ड नाला में स्टेट हाईवे संख्या 26 पंगी-किलर हाईवे भी शामिल है। बड़ी संख्या में पर्यटक जगह-जगह फंसे हैं।

लगातार बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश में 301 सड़कों को बंद किया गया है। बिजली के 140 ट्रांसफार्मर नष्ट हो गये हैं। हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में रविवार सुबह (25 जून) से भूस्खलन और आकस्मिक बाढ़ की वजह से चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग सोमवार 26 जून को बंद कर दिया गया था। आकस्मिक बाढ़ सबसे पहले हिमाचल प्रदेश में औट (Aut) के निकट खोटीनाला में देखा गया।

क्या होता है आकस्मिक बाढ़ या फ्लैश फ्लड?

कुछ दिनों तक या खास समय के दौरान भारी या लगातार बारिश से अक्सर पानी का ठहराव हो जाता है और बाढ़ आ जाती है। इसे ही आकस्मिक बाढ़ या फ्लैश फ्लड कहते हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका की मौसम विज्ञान एजेंसी, नेशनल वेदर सर्विस का कहना है कि फ्लैश फ्लड तब आती है जब 6 घंटे से भी कम समय की बारिश से बाढ़ आ जाए। इसमें कहा गया है कि अचानक बाढ़ बारिश के अलावा अन्य कारकों के कारण भी हो सकती है, जैसे जब पानी बांध के स्तर से ऊपर चला जाता है।

आकस्मिक बाढ़ को अक्सर बादल फटने की घटना से जोड़ा जाता है

भारत में आकस्मिक बाढ़ को अक्सर बादल फटने की घटना से जोड़ा जाता है। थोड़े समय में अचानक और तेजी से बारिश होने, हिमालयी राज्यों में ग्लेशियरों के पिघलने से बनने वाली अतिप्रवाहित हिमनद झीलों को भी इसी से जोड़कर देखा जाता है। हिमालयी क्षेत्रों में यह एक बड़ी चुनौती है, जिसे हर साल यहां के लोगों सामना करना पड़ता है। पिछले कुछ समय में इनकी संख्या में काफी इजाफा हुआ है।

आकस्मिक बाढ़ (Flash flood) सामान्य तौर पर उन इलाकों में ज्यादा होता है, जहां नदियां बहुत ही पतली और ढलाऊ क्षेत्र से गुजरती हैं। इसकी वजह से पानी का बहाव बहुत तेज गति से होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि छोटी नदियों के किनारे बसे शहरी क्षेत्रों में भी ऐसा हो सकता है। इसके पीछे वजह यह है कि सड़कें और कंकरीट पानी को जमीन के नीचे जाने से रोकती हैं।