भारत में 43वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) गुरुवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में शुरू हो गया। इस मेले का उद्घाटन केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया, क्योंकि वे मुंबई में मौजूद थे। यह व्यापार मेला 27 नवंबर तक चलेगा और इसमें भारत और विदेशों से 3,500 से अधिक कंपनियां और व्यवसायी हिस्सा ले रहे हैं। मंत्री गोयल ने मेले के उद्घाटन के अवसर पर इसे दुनिया के सबसे बड़े व्यापार मेलों में से एक बताते हुए भारत को वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में उभरने की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
व्यापार मेले को वर्चुअल बनाने पर भी हो विचार
उन्होंने सुझाव दिया कि व्यापार मेलों को आधुनिक और विश्वस्तरीय बनाने के लिए आभासी (वर्चुअल) मेलों पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मेला एक ऐसा मंच है, जो पूरे उद्योग और मूल्य शृंखला को एक ही स्थान पर प्रदर्शित करता है। गोयल ने कहा कि सरकार मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, लखनऊ, वाराणसी और नोएडा में भी ऐसे मेलों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित करने पर काम कर रही है।
इस बार के मेले का विषय “2047 तक विकसित भारत” है, जो देश के भविष्य के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस विषय के तहत बिहार ने अपने पवेलियन में प्रसिद्ध छठ गायिका शारदा सिन्हा को समर्पित किया है। आइटीपीओ के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला ने बताया कि यह मेला भारत की प्रगति और समृद्धि का प्रतीक है।
गोयल ने व्यापार मेलों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की बात कही और मेले के आसपास कियोस्क स्थापित करने का सुझाव दिया ताकि लेनदेन को और सरल बनाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि भारत टेक्स, भारत मोबिलिटी और विश्व खाद्य मेले जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाना चाहिए। इससे भारत की तकनीकी और उत्पादक क्षमता को एक मंच मिलेगा और दुनिया में भारत का महत्व और बढ़ेगा।
इसके साथ ही, मंत्री ने भारत में व्यापार मेले के दो वार्षिक संस्करण आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने इसे स्थानीय ताकत और स्वदेशी उत्पादों पर केंद्रित करने की बात कही। “आत्मनिर्भर भारत उत्सव” जैसे आयोजनों के जरिए भारत की बढ़ती प्रौद्योगिकी क्षमता और उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं और उत्पादों को प्रदर्शित करने की योजना बनाई जा सकती है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिका, यूरोप, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में भी भारत के व्यापार मेलों की शुरुआत की जानी चाहिए।
आईआईटीएफ में इस बार भारतीय और विदेशी प्रदर्शकों के साथ-साथ विविध क्षेत्रों की प्रतिभाएं और उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे। यह मेला न केवल व्यापार के लिए, बल्कि भारत के सांस्कृतिक और आर्थिक विकास को वैश्विक स्तर पर पेश करने का एक बड़ा अवसर बनकर उभरेगा।