क्यूएस विश्व रैंकिंग-2024 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मुंबई को 149वां स्थान प्राप्त हुआ है। इस साल आइआइटी मुंबई की स्थिति में 23 पायदान का सुधार हुआ है। वहीं, विज्ञान संस्थान भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएससी), बंगलुरु पिछले साल तक 155वें स्थान के साथ देश में शीर्ष पर था, उसे इस बार को 225वां स्थान है।
इसी तरह आइआइटी दिल्ली की रैंकिंग में भी बड़ी गिरावट हुई है और उसे इस बार 197वां स्थान मिला है। वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों में पहली बार शामिल हुआ है। अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में इस साल पहली बार 45 भारतीय विश्वविद्यालयों को जगह मिली है। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि इस साल 45 भारतीय शिक्षण संस्थान विश्व रैंकिंग में शामिल हुए हैं जो 2014 के मुकाबले 275 फीसद अधिक हैं।
उन्होंने कहा कि नौ सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में शिक्षा को बदल दिया है। शीर्ष 200 की सूची में इस बार भारत एक संस्थान कम हो गया है। इस बार शीर्ष 200 में दो, 300 में छह और 500 की सूची में 11 विवि शामिल हैं। भारतीय संस्थान उच्च शिक्षा प्रणाली दुनिया में सातवें सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाले और एशिया में तीसरे स्थान पर है, जो केवल जापान और चीन से पीछे है।
इस बार 13 विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में पिछले साल के मुकाबले में गिरावट आई है, जबकि 15 संस्थानों की रैंकिंग में सुधार और 22 विश्वविद्यालयों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। 2024 की रैंकिंग में छात्र-शिक्षक अनुपात और शैक्षणिक प्रतिष्ठा सहित तीन संकेतकों में बदलाव किया है। क्यूएस के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नुंजियो क्वाक्वेरेली ने आइआइटी मुंबई को सर्वोच्च स्थान हासिल करने के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इस साल की रैंकिंग प्रणाली के लिए 2,900 संस्थानों को स्थान दिया है।
आइआइटी मुंबई, गुवाहाटी, दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू, आइआइटी भुवनेश्वर, पंजाब विश्वविद्यालय, थापर इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी, बिरला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी एंड साइंस पिलानी, वीआइटी की रैंकिंग में सुधार आया वहीं, आइआइएससी बंगलुरु, आइआइटीटी दिल्ली, खड़गपुर, कानपुर, मद्रास, इंदौर, हैदराबाद, सावित्रीबाई फुले विवि पुणे, जादवपुर विवि, ओपी जिंदल व जामिया मिल्लिया इस्लामिया की रैंक में गिरावट आई है।