नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए। इस प्रदर्शन के दौरान हिंसा की घटनाएं भी सामने आईं और कई लोग घायल भी हुए। नूपुर शर्मा के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं। वहीं हिंदू धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने के आरोप में कई अन्य लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किए गए, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी और पत्रकार सबा नकवी का भी नाम शामिल है।
सबा नकवी ने एफआईआर दर्ज होने के बाद एक पत्र साझा करते हुए कहा कि उनके समर्थन में आईडब्ल्यूपीसी (इंडियन वूमेन प्रेस कॉर्प्स) खड़ा है। आईडब्ल्यूपीसी महिला पत्रकारों का एक संगठन है, जो महिला पत्रकारों की आवाज उठाता है। हालांकि संगठन के ट्विटर हैंडल पर ऐसा कोई पत्र साझा नहीं किया गया है। वहीं सबा नकवी के दावे पर वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने भी ट्वीट कर तंज कसा है।
वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने ट्वीट करते हुए लिखा, “नूपुर शर्मा कुछ बोले तो मजहब का अपमान और वही काम सबा नकवी करें तो करो अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान। ये आईडब्ल्यूपीसी वाले कौन से ग्रह से हैं?” वरिष्ठ पत्रकार के इस ट्वीट पर बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने भी शेयर करते हुए लिखा, “प्रेस क्लब अब बन चुका है प्रेषित (पैगंबर) क्लब।”
वहीं ट्विटर पर कई महिला पत्रकारों ने लिखा (जो आईडब्ल्यूपीसी से जुड़ी हुई है) कि सबा नकवी पर बयान जारी करने से पहले संगठन ने उनसे संपर्क नहीं किया था। ऋचा अनिरुद्ध ने ट्वीट करते हुए लिखा, “मैं आईडब्ल्यूपीसी की सदस्य हूं और सबा के समर्थन में वह पत्र जारी करने से पहले सदस्यों से सलाह नहीं ली गई है। मैं पत्र का समर्थन नहीं करती हूं।”
नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को महाराष्ट्र से समन आने शुरू हो गए हैं। ठाणे जिले की भिवंडी पुलिस ने नवीन जिंदल को 15 जून को पेश होकर बयान दर्ज कराने को कहा है। वहीं नूपुर शर्मा को 22 और 25 जून को क्रमशः मुंब्रा पुलिस और मुंबई पुलिस ने पेश होने के लिए कहा है।