भारत में 56.4 फीसदी बीमारियां अस्वास्थ्यकर खानपान के कारण होती हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। आइसीएमआर ने आवश्यक पोषक तत्त्वों की आवश्यकताओं को पूरा करने, मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों से बचने के लिए 17 प्रकार के आहार के सेवन के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं। संस्था ने ‘प्रोटीन सप्लीमेंट’ से बचने का आग्रह किया है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार, सेहतमंद रहने के लिए एक व्यक्ति को दिनभर में 1,200 ग्राम भोजन जरूरी है, जिससे उसे 2,000 कैलोरी प्राप्त होती है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के तहत कार्यरत राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआइएन) ने कहा कि पोषक तत्त्वों से भरपूर आहार खाने से हृदय संबंधित बीमारियों और उच्च रक्तचाप को काफी हद तक कम किया जा सकता है और मधुमेह से भी बचा जा सकता है। स्वस्थ जीवन शैली अपनाने से समय से पहले होने वाली मौत को रोका जा सकता है।
राष्ट्रीय पोषण संस्थान ने कम नमक खाने, तेल और वसा का कम मात्रा में उपयोग करने, उचित व्यायाम करने, चीनी और जंक फूड को कम खाने का आग्रह किया है। उसने मोटापे को रोकने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाने और पोषक तत्त्वों से भरपूर भोजन का सेवन करने की सलाह दी है। आइसीएमआर-एनआइएन की निदेशक हेमलता आर के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक बहु-विषयक समिति ने ‘भारतीयों के लिए आहार संबंधी दिशानिर्देश’ (डीजीआइ) का मसविदा तैयार किया है और इसकी विभिन्न वैज्ञानिक समीक्षा भी की हैं। इसमें 17 तरह के आहारों को शामिल किया गया है।
दिशानिर्देशों में बताया गया कि एक संतुलित आहार में अनाज और मिलेट (मोटे अनाज) से 45 फीसद से अधिक कैलोरी नहीं होनी चाहिए। इसी तरह इसमें दालों, बींस और मांस से 15 फीसद तक कैलोरी होनी चाहिए। उसने बाकी कैलोरी को प्राप्त करने के लिए सूखे मेवे, सब्जियों, फलों और दूध का सेवन करने की सलाह दी है।
दिशानिर्देशों के अनुसार, बड़ी मात्रा में प्रोटीन पाउडर का लंबे समय तक सेवन या उच्च प्रोटीन सांद्रता का सेवन अस्थि खनिज की हानि और गुर्दे की क्षति जैसे संभावित खतरों से जुड़ा है। इनमें यह भी कहा गया है कि शर्करा का सेवन कुल ऊर्जा सेवन का पांच फीसद से कम होना चाहिए तथा संतुलित आहार में अनाज तथा मोटे अनाज से 45 फीसद तथा दालों, फलियों तथा मांस से 15 फीसद से अधिक कैलोरी नहीं मिलनी चाहिए। दिशा-निर्देशों में कहा गया कि शेष कैलोरी मेवा, सब्जियों, फलों और दूध से लेनी चाहिए। वसा का सेवन 30 फीसद ऊर्जा से कम या उसके बराबर होना चाहिए।