मच्छरों से होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए रिसर्च करने वाला देश का सबसे बड़ा संस्थान वेक्टर कंट्रोल रिसर्च सेंटर (Vector Control Research Centre) पुडुचेरी में मौजूद है। इस सेंटर में लाखों की संख्या में जीवित और मृत मच्छर मौजूद हैं जिन्हें रिसर्च के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में कई सालों की रिसर्च के बाद वीसीआरसी की वैज्ञानिक डॉ. निशा मैथ्यू और उनकी टीम ने मच्छरों के लिए एक पोषक डाइट तैयार की है।
ICMR-वेक्टर कंट्रोल रिसर्च सेंटर ने मच्छरों को खिलाने के लिए चार तरह के कृत्रिम आहार का आविष्कार किया है जो ‘ब्लड डाइट’ को फीडर डिवाइस से बदल देगा। मच्छरों से जीका, डेंगू, चिकनगुनिया, पीला बुखार आदि जैसे कई वायरल रोग होते हैं। शोधकर्ता मच्छरों के कारण होने वाली ऐसी बीमारियों के प्रसार को कम करने के तरीकों की जांच कर रहे हैं।
पोषक तत्वों से भरपूर डाइट: डॉ. निशा मैथ्यू ने बताया कि इस डाइट में सभी पोषक तत्व हैं जो रक्त में मौजूद होते हैं। उन्होंने कहा, “यह फॉर्मूला डाइट भूखी मादा मच्छरों को आकर्षित करेगी और बिल्कुल रक्त की तरह टेस्ट करेगी। जिसकी मदद से वो सामान्य अंडों की तरह स्वस्थ संतान पैदा करेंगे। जरूरी होने पर यह लैब रिसर्च और बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए उपयोगी हो सकता है।”
आईसीएमआर-वीसीआरसी के निदेशक डॉ. अश्विनी कुमार ने भी वैज्ञानिकों के इस कदम की सराहना की। उन्होंने कहा, “जब इन आहारों का परीक्षण किया गया, तो दो आहार समान और अन्य दो आहार ब्लड डाइट से बेहतर साबित हुए। इन्हें खाने से सामान्य रक्त आहार की तुलना में स्वस्थ और बड़ी संख्या में अंडे का उत्पादन होता है।”
मच्छरों के लिए स्वदेशी फीडर: डॉ. निशा ने मच्छरों के लिए स्वदेशी फीडर के बारे में भी बताया जिनका पेटेंट कराया जा चुका है। डॉ. निशा ने कहा, “सामान्य वॉटर सर्कुलेशन या पिघले हुए मोम का उपयोग करके मानव शरीर के तापमान यानी 37 डिग्री सेल्सियस, को उपयुक्त तापमान तक बनाए रखना बहुत मुश्किल था। इसलिए नियंत्रित तापमान वाले एक उपकरण का आविष्कार किया गया। यह पारंपरिक गर्म पानी के सर्कुलेशन बेस्ड फीडिंग डिवाइस को आसानी से बदल सकता है। इन दोनों आविष्कारों का पेटेंट कराया गया है और निर्माण के लिए तैयार हैं।”
यह आविष्कार एक कृत्रिम मच्छर आहार है जो व्यावसायिक रूप से स्वीकार्य और तकनीकी रूप से मजबूत है। इसमें अनुसंधान उद्देश्यों के लिए और मच्छरों के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए मच्छरों के पालन में काफी संभावनाएं हैं। गौरतलब है कि मादा मच्छरों को प्रजनन के लिए मानव रक्त की आवश्यकता होती है। इसके लिए ICMR स्थानीय ब्लड बैंकों से मदद मांगता है।