हाल ही में मध्य प्रदेश के सतना जिले में RSS के एक कार्यक्रम में कुछ सरकारी अधिकारियों के हिस्सा लेने की तस्वीर सामने आने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच बहस छिड़ी हुई है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले MP के एक डीसी ने कहा कि वो इसमें कुछ भी गलत नहीं देखते हैं।
सतना जिले के डीसी अनुराग वर्मा ने कहा कि कार्यक्रम में शामिल होने में कोई बुराई नहीं है। यह एक पब्लिक इवेंट था जिसमें हजारों लोग शामिल हुए थे। सरकारी अधिकारियों के इस तरह के आयोजन में शामिल होने पर कोई रोक नहीं है। इसमें कई वरिष्ठ गणमान्य लोग शामिल हुए। राज्य में चुनाव आ रहे हैं और इसी वजह से विवाद खड़ा हो रहा है।
मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस RSS के 11 जून के कार्यक्रम की एक तस्वीर आने के बाद एक दूसरे पर शब्द बाण चला रहे हैं। इस कार्यक्रम में अनुराग वर्मा के अलावा सतना नगर निगम के कमिश्नर राजेश शाही गए थे। उनकी तस्वीर सामने आने के बाद ही बीजेपी और कांग्रेस आपस में भिड़े हुए हैं।
इंडियन एक्सप्रेस ने जब अनुराग वर्मा से RSS सैल्यूट करते हुए उनकी फोटो के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा, “मैं हिंदू हूं। जब मैं मंदिर जाता हूं तो मैं सिर झुकाता हूं। अगर मैं मस्जिद और चर्च जाता हूं तो मैं उनके रिवाजों का पालन करता हूं।”
इंडियन एक्सप्रेस ने इस मसले पस सतना नगर निगम के कमिश्नर राजेश शाही से भी बातचीत की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन कॉल्स और मैसेज का जवाब नहीं दिया। इन दोनों अधिकारियों की तस्वीर सामने आने के बाद कांग्रेस ने ऐसे अधिकारियों को MP विधानसभा चुनाव की तैयारियों से दूर रखने की डिमांड की है। इसपर बीजेपी ने कहा कि इससे कांग्रेस की RSS के प्रति घृणा का पता चलता है।
कांग्रेस बोली- चुनाव तैयारियों से करो दूर
कांग्रेस पार्टी की तरफ से यह भी कहा गया है कि वो केंद्र के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training) को शिकायत करेंगे। राज्य में कांग्रेस के मीडिया डिपार्टमेंट के चेयरमैन केके मिश्रा ने कहा कि सिविल सर्वेंट्स से इस व्यवहार की उम्मीद नहीं की जाती है। यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि ऐसे अधिकारी विधानसभा चुनावों में बिना किसी पक्षपात के अपना कर्तव्य निभाएंगे। कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने मांग की है कि चुनाव आयोग ऐसे नेताओं को चुनाव की तैयारी से दूर रखे।
कांग्रेस द्वारा की जा रही टिप्पणियों पर रिएक्ट करते हुए बीजेपी के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि RSS के कार्यक्रमों में सिविल सर्वेंट्स के भाग लेने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। RSS एक सांस्कृतिक संगठन है, यह समाज के लिए काम करता है। RSS संवैधानिक व्यवस्था के तहत काम करता है, यह एक लोकतांत्रिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है।
बता दें कि साल 2018 में कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी मेनिफेस्टो में सरकारी कर्मचारियों के RSS की गतिविधियों में भाग लेने पर रोक लगाने की और सरकारी जगहों पर लग रही RSS शाखाओं को भी रोकने की बात कही थी।
साल 1981 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने पहली बार RSS की शाखाओं में भाग लेने पर रोक लगा दी थी। साल 2000 में जब दिग्विजय सिंह की सरकार में यह प्रतिबंध फिर से लगा दिया गया। साल 2006 में शिवराज सिंह की सरकार में यह प्रतिबंध हटाया गया। तब इसके पीछे RSS के एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन होने की बात कही गई। तब अपने फैसले को सही बताते हुए शिवराज सिंह ने कहा था कि बैन पूर्वाग्रह की भावना से लगाया गया था।