कोरोना संकट के बीच देश में इस वक्त चीन और नेपाल बॉर्डर पर तनाव जारी है। इस बीच आज स्वदेशी विमान तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन वायुसेना में शामिल हुई। इस स्क्वाड्रन का नाम फ्लाइंग बुलेट्स दिया गया है, जिसकी शुरुआत वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने की। भदौरिया ने अब तक राफेल लड़ाकू विमान सहित 28 से ज्यादा तरह के विमानों को उड़ाया है। भदौरिया क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर भी हैं।

इस कार्यक्रम का आयोजन तमिलनाडु के कोयम्बटूर के पास सुलूर एयरफोर्स स्टेशन में किया गया। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक भारतीय वायुसेना के मुख्य एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने आज, सुलूर एयरबेस में भारतीय वायु सेना के नंबर 18 स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग बुलेट’ का संचालन किया। इस दौरान उन्होने वायुसेना के स्टेशन सुलूर से सिंगल सीटर तेजस विमान उड़ाया। स्क्वाड्रन LCA तेजस FOC विमान से लैस था और LCA तेजस को उड़ाने वाला दूसरा IAF स्क्वाड्रन है।

गौरतलब है कि एयरफोर्स स्क्वाड्रन 18 की शुरुआत 1965 को आदर्श वाक्य ‘तीव्र और निर्भय’ के साथ हुई थी। पाकिस्तान के साथ 1971 की जंग में इसकी अहम भूमिका रही थी और मरणोपरांत फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार ‘परमवीर चक्र’ से नवाजा गया था। यह स्क्वाड्रन 15 अप्रैल 2016 से पहले मिग 27 विमान उड़ा रही थी। स्क्वाड्रन को इस साल 1 अप्रैल को सुलूर में फिर से शुरू किया गया था।

वायुसेना में तेजस की नई स्क्वाड्रन की एंट्री तब हुए है, जब भारत की चीन और नेपाल के साथ सीमा पर तनातनी जारी है। कुछ दिन पहले लद्दाख में चीनी सैनिकों और भारतीय सैनिकों के बीच हाथपाई भी हुई थी। इस दौरान कई सैनिक घायल भी हो गए थे। हालत को देखते हुए बॉर्डर पर जवानों की संख्या बढ़ाई गई है।