भारतीय वायुसेना की ताकत में जल्द ही उल्लेखनीय इजाफा होने वाला है। दरअसल फ्रांस से 5 राफेल फाइटर जेट का पहला बैच 29 जुलाई को भारत पहुंच जाएगा। राफेल फाइटर जेट के इस बैच ने फ्रांस से उड़ान भर ली है और 7 हजार किलोमीटर का सफर तय करके यह भारत पहुंचेंगे। राफेल फाइटर जेट का यह बैच भारत के अंबाला स्थित एयरफोर्स स्टेशन पहुंचेगा। इन पांच विमानों में से 3 विमान सिंगल सीट वाले हैं। वहीं दो विमान दो सीट वाले हैं।

फ्रांस में भारत के राजदूत द्वारा फ्रांस के एयरबेस मेरिगनाक से हरी झंडी दिखाकर इन विमानों को रवाना किया गया। भारतीय वायुसेना की 17वीं गोल्डन एरो स्कवाड्रन के कमांडिंग अफसर समेत 7 भारतीय पायलट इन विमानों को भारत ला रहे हैं। इन सभी पायलट्स को फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन कंपनी ने राफेल विमान उड़ाने में प्रशिक्षित किया था।

फ्रांस से उड़ान भरने के बाद ये पांच लड़ाकू विमान यूएई में स्थित फ्रांस के एयरबेस पर अपना पहला स्टॉप लेंगे। इसके बाद ग्रीस या फिर इजरायल के समुद्र के ऊपर फ्रांस एयरफोर्स टैंकर एयरक्राफ्ट द्वारा हवा में ही इन विमानों में फ्यूल भरा जाएगा। जिसके बाद 29 जुलाई की सुबह ये विमान अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंचेंगे।

बता दें कि राफेल के पहले बैच की डिलीवरी पहले मई के अंत तक होनी थी लेकिन कोरोना माहमारी के चलते इसमें करीब दो माह की देर हुई। राफेल विमान एयर टू एयर लॉन्ग रेंज की मेटेओर और SCALP मिसाइल से लैस है। राफेल विमान के आने से भारतीय सेना को चीन और पाकिस्तान पर बढ़त हासिल हो जाएगी। भारत में आने के कुछ दिन बाद ही यह विमान ऑपरेशन के लिए तैयार हो जाएगा। राफेल को Hammer मिसाइलों से भी लैस किया जाएगा। , जिससे यह विमान 60-70 किलोमीटर दूर से ही अपने लक्ष्य को भेद सकेंगे।

भारत और फ्रांस के बीच साल 2016 में 36 राफेल फाइटर जेट की डील हुई थी। दोनों देशों के बीच यह डील करीब 60 हजार करोड़ रुपए की थी। इन 36 विमानों में से 6 डबल सीटर ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट होंगे। बता दें कि अंबाला एयरफोर्स भारतीय वायुसेना का काफी अहम एयरबेस है। दरअसल यहां से पाकिस्तान के खिलाफ तेजी से एक्शन लिया जा सकता है। इसके साथ ही चीन सीमा से भी अंबाला एयरबेस की दूरी महज 200 किलोमीटर है।