तेलंगाना में सत्तारूढ़ दल के स्थानीय नेता द्वारा हमले को याद कर महिला फॉरेस्ट अफसर सी.अनीता बेहद जज्बाती हो हो गईं। पत्रकारों के सामने फूट-फूट कर रोते हुए बोलीं कि वह समाज के लिए कुछ अच्छा करना चाहती थीं, पर वहां उनकी वर्दी पर ही हमला कर दिया गया। दरअसल, 29 जून को वह अपनी टीम और कुछ पुलिसकर्मियों के साथ कोमारम भीम आसिफाबाद जिला स्थित खत्म हो चुके वन क्षेत्र में पौधारोपण के लिए पहुंची थीं। उसी बीच के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली टीआरएस के विधायक कोनेरु कोनप्पा के भाई व जिला परिषद में उपाध्यक्ष कोनेरु कृष्णा समेत कुछ और लोगों ने लाठी-डंडों से सी.अनीता पर वार किए थे।

ट्रैक्टर पर निहत्थी महिला अफसर पर वे बार-बार लाठियां मारे जा रहे थे। हमले के दौरान उन्हें चोटें भी आईं, जिसके बाद उन्हें आनन फानन अस्पताल ले जाया गया था। इसी मामले पर सोमवार को मीडिया ने उनसे बात की, तो वह भावुक हो गईं। रोते हुए बोलीं, “मैं यहां तक कड़ी मेहनत-लगन से पहुंची हूं। सरकारी स्कूल में पढ़ी हूं और समाज की बेहतरी के लिए कुछ अच्छा करना चाहती थी, पर मुझ पर हमला हुआ।”

बकौल अनीता, “मैं अपनी वर्दी का बहुत सम्मान करती हूं। मेरी सारी इज्जत इस वर्दी को जाती है, जिसे पहनकर मैं समाज के लिए कुछ अच्छा करना चाहती थी, पर मुझ पर हमला किया गया। यह हमला मुझ पर नहीं था, बल्कि मेरी वर्दी पर था और मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं।”

देखें, क्या हुआ था घटना के दौरानः 

हालांकि, महिला अफसर पर ताबड़तोड़ डंडे बरसाने के बाद भी कृष्णा ने रविवार को पद से इस्तीफा दे दिया, पर उन्हें अपने किए पर जरा भी अफसोस नहीं है। उनका कहना था कि वह किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। इसी बीच, सोमवार को कागजनगर में फॉरेस्ट अफसरों ने सुरक्षा की मांग को लेकर विरोध रैली निकाली, जबकि आईएफएस एसोसिएशन ने सी.अनीता पर हमले की कड़ी आलोचना की है।