Union Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मंगलवार को आम बजट पेश करने के बाद विपक्षी दलों और राज्य सरकार की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इसी क्रम में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्र को तेलंगाना बोलना पसंद नहीं है।

रेवंत रेड्डी ने कहा है कि एनडीए सरकार ने केंद्रीय बजट में तेलंगाना के साथ प्रतिशोधात्मक रवैया अपनाया है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री से अपील की कि वे केंद्र और राज्य के बीच बिना किसी भेदभाव और विवाद के अच्छे संबंध बनाए रखें। मैंने उनसे राज्य के दौरे के दौरान तेलंगाना के विकास के लिए बड़े भाई की भूमिका निभाने का आग्रह किया। उनसे बिना किसी भेदभाव के धन आवंटित करने का अनुरोध किया।”

रेड्डी ने कहा, ‘हमने उनसे बिना किसी भेदभाव के धन आवंटित करने का अनुरोध किया है।’ उन्होंने कहा, ‘पूरे बजट में तेलंगाना शब्द पर प्रतिबंध लगा दिया गया । केंद्र को तेलंगाना बोलना पसंद नहीं है। तेलंगाना के लोगों ने कभी नहीं सोचा था कि केंद्र राज्य के खिलाफ प्रतिशोधात्मक रवैया अपनाएगा।” उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा तेलंगाना के साथ हुए अन्याय पर बहस करेगी। हम कुछ राजनीतिक दलों द्वारा किए गए संदिग्ध सौदों को उजागर करेंगे जो दो तेलुगु राज्यों को फिर से जोड़ने की साजिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार दक्षिणी राज्यों के साथ भेदभाव कर रही है। अगर यह जारी रहा तो हम एक और आंदोलन शुरू करने के लिए तैयार हैं।”

रेड्डी ने कहा , “केंद्र ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत आंध्र प्रदेश को धन आवंटित किया है। तेलंगाना को उसी अधिनियम के तहत आवंटन क्यों नहीं दिया गया? ‘सबका साथ सबका विकास’ एक फर्जी नारे में बदल गया है। प्रधानमंत्री तेलंगाना को विकसित भारत का हिस्सा नहीं मान रहे हैं। यह विकसित भारत बजट नहीं है, बल्कि कुर्सी बचाओ बजट है।” “बिहार और आंध्र को छोड़कर किसी भी राज्य के विकास के लिए कोई धन आवंटित नहीं किया गया है।”

उन्होंने कहा कि तेलंगाना के साथ हुए अन्याय के लिए केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘केंद्र द्वारा राज्य के लिए आईआईएम की मांग को खारिज करने के बाद किशन रेड्डी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में क्यों बने रहना चाहिए। हम प्रधानमंत्री को बड़ा भाई मानते थे, लेकिन उन्होंने बदले की भावना से काम किया है। प्रधानमंत्री ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए कुछ राज्यों को प्राथमिकता दी।”