लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वायनाड में अपनी बहन प्रियंका गांधी के लिए प्रचार किया और बताया कि कैसे ‘प्यार’ की अवधारणा को अपनाने से उनकी राजनीतिक यात्रा बदल गई है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अपने अनुभव साझा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पदयात्रा का मकसद ‘राजनीतिक’ था, लेकिन आखिर तक उन्हें राजनीति में ‘प्रेम’ का मतलब समझ में आ गया था। राहुल गांधी के रायबरेली को बतौर सांसद चुन लेने के बाद उपचुनाव में प्रियंका गांधी को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है। यहां 13 नवंबर को मतदान होना है और नतीजे 24 नवंबर को सामने आएंगे।
क्या बोले राहुल गांधी?
राहुल गांधी ने सोमवार को एक जनसभा में कहा, “जब मैं पहली बार भारत जोड़ो यात्रा पर गया था, तो मुझे थोड़ी हैरानी हुई, क्योंकि यह एक राजनीतिक यात्रा थी। इस यात्रा का उद्देश्य राजनीतिक था, लेकिन यात्रा की शुरुआत में मैंने देखा कि मैं लोगों को गले लगा रहा था और लोग मुझे चूम रहे थे। मैं कह रहा था, मैं तुमसे प्यार करता हूं। वे कह रहे थे, हम तुमसे प्यार करते हैं। आज विमान में सवार होने के दौरान मुझे एहसास हुआ कि कई सालों तक मैंने राजनीति में ‘प्यार’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।”
‘मेरा नज़रिया बदल गया’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “हर राजनेता के जीवन में एक ऐसा पल आता है जो उनके नज़रिए को बदल देता है और मेरे लिए यह भारत जोड़ो यात्रा थी। यह यात्रा सभी लोगों के बीच एकता और सम्मान का आह्वान थी। राजनीति में ‘प्यार’ शब्द से कई सालों तक दूर रहने के बाद वायनाड में मेरे अनुभव ने मुझे इसके महत्व का एहसास कराया। यहां मुझे जो प्यार मिला है, उसने राजनीति के प्रति मेरे दृष्टिकोण को बदल दिया है। वास्तव में मैं यह मानने लगा हूं कि नफरत और गुस्से का एकमात्र इलाज प्यार ही है। वायनाड के लोगों ने मुझे सिखाया है कि राजनीति में प्यार का एक महत्वपूर्ण स्थान है।”
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “वायनाड आना हमेशा खुशी की बात होती है। यह मेरे लिए राजनीतिक अभियान नहीं। मैं यहां एक प्रचारक के तौर पर आया हूं, उम्मीदवार के तौर पर नहीं, और मुझे आपका अनौपचारिक सांसद होने का सम्मान मिला है। जब भी मैं यहां आता हूं, मुझे वाकई खुशी महसूस होती है।”