हैदराबाद की इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेज यूनिवर्सिटी के छात्रों ने दावा किया है कि रविवार को पुलिस ने उन्हें यूनिवर्सिटी कैंपस में बंद कर दिया, ताकि वह संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल ना हो सकें। छात्रों ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर जानकारी दी कि हैदराबाद पुलिस ने कैंपस के गेट नंबर 2 और 3 को बंद कर दिया ताकि छात्रों को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से रोका जा सके।
कुछ छात्रों का कहना है कि कुछ पुलिसकर्मियों ने बताया कि उनके पास सूचना है कि कई संगठन के लोग कैंपस के बाहर मौजूद हैं और वह कैंपस में घुसकर परेशानी खड़ी करने की योजना बना रहे हैं। इसलिए यूनिवर्सिटी के गेट बंद कर दिए गए हैं।
इस दौरान कुछ छात्रों ने गेट फांदकर बाहर भी जाने का प्रयास किया। कुछ छात्रों ने नारेबाजी की। छात्र नारे लगाते दिखाई दिए कि ‘ये जो गुंडागर्दी है, उसके पीछे वर्दी है।’
छात्रों के आरोपों पर द इंडियन एक्सप्रेस ने पुलिस अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन अभी तक बात नहीं हो सकी है। एक छात्र ने बताया कि “हम में से कुछ एंटी सीएए प्रोटेस्ट में शामिल होने की योजना बना रहे थे, लेकिन पुलिस ने कैंपस के गेट बंद कर दिए और हमें बाहर जाने से मना कर दिया।”
बता दें कि बीती 27 फरवरी को ओसमानिया आर्ट्स कॉलेज के छात्रों ने दिल्ली हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था, जिसमें भी ईएफएलयू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने शिरकत की थी। वहीं EFLU, ओसमानिया, TISS- हैदराबाद और मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मिलकर सीएए, एनआरसी के विरोध में धरना प्रदर्शन का आयोजन किया था।
सीएए के विरोध में बीते दिसंबर में दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में खासा बवाल हुआ था। दरअसल छात्रों ने सीएए के खिलाफ मार्च का आयोजन किया था, जिसमें हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद पुलिस ने यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसकर छात्रों पर लाठीचार्ज किया था।