Delhi Violence, Delhi Protest Today News: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में 23 फरवरी से ही रह-रह कर हिंसा हो रही है। आज बुधवार को अभी तक इन इलाकों से हिंसा की कोई खबर नहीं आई है। हालात को काबू करने के लिए हिंसाग्रस्त इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं। इस हिंसा में अबतक एक दर्जन से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बीते मंगलवार को छज्जुपुर -कबीर नगर रोड पर युवकों का एक समूह, हाथ में लाठी और रॉड लेकर सड़क पर निकला था और पुलिस की नाक के नीचे हिंसा हुई थी। भीड़ ने मुसलमानों की दुकानें और घरों में आग लगा दी तथा पुलिस मूक दर्शक बनकर देखती रही।
मंगलवार सुबह 11.15 बजे छज्जुपुर -कबीर नगर रोड पर, छह पुलिसकर्मी खड़े थे और देखा कि सैकड़ों लोग रॉड और लाठी लेकर सड़क पर उतर आए हैं। ज़्यादातर लोगों ने अपना चेहरा हेलमेट से छिपाया हुआ था और वे ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगा रहे थे।
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सनातन धर्म मंदिर के बाहर भारी मात्रा में लोग इकट्ठा हुए, उनमें से एक ने कहा “तीन दिनों से मुसलमान हम पर पत्थर फेंके रहे हैं, हम पर हमला कर रहे हैं और वाहनों में आग लगा दी है। हमें बताया गया है कि उन्होंने हमारे शमशान घाट में एक शिव मूर्ति को भी जलाया है। हम कितने दिन चुप रहेंगे? इसलिए आज हम बाहर आ गए हैं और हम सुबह 4 बजे एकत्रित हुए और अब हमने मामलों को अपने हाथों में ले लिया है।” एक अन्य शख्स ने बोला “हम कल भी सो नहीं रहे थे हिंदू शेर है, सोता नहीं है।”
बता दें 23 फरवरी से शुरू हुई हिंसा में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इस दौरान पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। ज़्यादातर हिंसा उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, कबीर नगर, भजनपुरा, करावल नगर, गोकुलपुरी और चांद बाग आदि इलाकों में हुई हैं। अब इस हिंसा को खत्म करने की जिम्मेदार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल को सौंपी गई है।