Ashwini Vaishnaw in Lok Sabha: रेलवे की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर ‘झूठ की दुकान’ चलाने का आरोप लगाते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हम केवल रील बनाने वाले लोग नहीं है, हम मेहनत करने वाले लोग हैं। उनके कार्यकाल के दौरान रेल हादसे को लेकर विपक्ष के हंगामे पर रेल मंत्री भड़क उठे। उन्होंने कहा कि जो भी लोग यहां पर चिल्ला रहे हैं, उनसे यह पूछा जाना चाहिए कि सत्ता में रहते हुए 58 साल में वो एक किलोमीटर भी एटीपी क्यों नहीं लगा पाए।

संसद में बढ़ते हुए हंगामे को देखते हुए वैष्णव ने कहा कि आप लोग कुछ भी बोलते हैं। रेल मंत्री ने कहा कि जब ममता बनर्जी रेल मंत्री थीं तो वह हादसों की संख्या बताती थीं जो 0.24 फीसदी से घटकर 0.19 फीसदी हो गई थी और ये लोग सदन में ताली बजाते थे और आज जब यह 0.19 फीसदी से घटकर 0.3 फीसदी हो गई है तो वे इस तरह का आरोप लगाते हैं। क्या यह देश इसी तरह चलेगा? रेल मंत्री ने विपक्ष पर उन दो करोड़ लोगों के दिलों में डर पैदा करने का भी आरोप लगाया जो हर दिन रेलवे से यात्रा करते हैं।

कांग्रेस झूठ की दुकान चलाने में व्यस्त- रेल मंत्री

रेल मंत्री ने कहा कि कांग्रेस झूठ की दुकान लगाने में व्यस्त है, लेकिन वह दुकान चलाने में कामयाब नहीं होगी। कभी सेना को नीचा दिखाती है, कभी रेलवे को नीचा दिखाती है, इस तरह की राजनीति नहीं चलेगी। वैष्णव ने आगे कहा कि कांग्रेस सोशल मीडिया की अपनी ट्रोल सेना की मदद से झूठी बातें उठाती है। क्या वे उन 2 करोड़ लोगों के दिलों में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं जो हर दिन रेलवे से यात्रा करते हैं।

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रेल हादसे को रोकने के लिए क्या कदम उठाए

रेल मंत्री ने लोकसभा में यह भी बताया कि उनकी सरकार ने रेल हादसों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। वैष्णव ने कहा कि हादसों को रोकने के लिए पूरे देश में मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग कर दी गई है, जहां हर साल कोई स्कूल बस या कोई दुर्घटना हो जाती थी। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि सभी रेलवे स्टेशन का पूरा कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के जरिये होता है। उन्होंने कहा कि विश्व के बड़े-बड़े देशों में यह सब कुछ 1980-90 के दशक में होना ही शुरू हो गया था। हमारे यहां पर यह काम काफी धीरे-धीरे चल रहा था।

हमारी सरकार ने एटीपी डेवलप करने का संकल्प लिया और 2016 में कवच के लिए ट्रायल शुरू हो गए। रेल मंत्री ने कहा कि 9000 किलोमीटर के टेंडर इन प्रॉसेस हैं। कुछ ही महीनों में ये लगने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि कवच को इंस्टाल करने में हमारी सरकार कोई भी कमी नहीं छोड़ेगी।

सोशल मीडिया पर वैष्णव को ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा

वैष्णव की यह टिप्पणी विपक्ष द्वारा हाल ही में हुए रेल हादसों के लिए सरकार पर लगातार दबाव डालने और उन्हें उनके पद से हटाने के बाद आई है। पिछले कुछ महीनों में केंद्रीय मंत्री वैष्णव को रेल हादसों के सिलसिले में ऑनलाइन ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा है। कई मीम्स ने उन्हें “रील मिनिस्टर” कहकर उनका मजाक उड़ाया है।

रेलवे में भर्ती को लेकर क्या बोले वैष्णव

रेलवे में भर्ती को लेकर भी उन्होंने जवाब दिया है। उन्होंने लोकसभा में कहा कि अगर हम रेलवे में भर्ती की बात करें तो 2004 से 2014 तक यूपीए के कार्यकाल में रेलवे में केवल 4 लाख 11 हजार कर्मचारियों की भर्ती की गई थी, जबकि 2014 से 2024 तक एनडीए के 10 सालों में यह आंकड़ा 5 लाख 2 हजार हो गया है। वैष्णव ने कई रेलवे भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि पहली परीक्षा में 1 करोड़ 26 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। वैष्णव ने बताया कि 21 शहरों के 726 केंद्रों पर 133 शिफ्टों में आयोजित यह परीक्षा 68 दिनों तक चली। अश्विनी वैष्णव ने आगे बताया कि दूसरी परीक्षा में 33 दिनों के समय में 551 केंद्रों पर 1 करोड़ 10 लाख उम्मीदवार शामिल हुए।