JNU Protest: दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में विभिन्न मदों में फीस बढ़ोत्तरी को लेकर छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने कुलपति एम जगदीश को 11 दिसंबर को अल्टीमेटम दिया था कि वे छात्रों के साथ शांति फॉर्मूला अपनाएं या इस्तीफा दें। लेकिन अब कुलपति को लेकर एचआरडी मंत्रालय का रुख नरम होता दिख रहा है। मंत्रालय ने जेएनयू छात्रों और अधिकारियों को मिलने के लिए बुलाया है। मंत्रालय का कहना है कि एक्स, वाई या जेड को हटाना हमारा मकसद नहीं है, बल्कि बुनियादे मुद्दे का सामाधान सबसे पहले जरुरी है।

उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने कहा कि मंत्रालय ने शुक्रवार को जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के सदस्यों और विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मुलाकात करेगा, ताकि “दोनों पक्षों के उचित संवाद न होने” के कारण को स्पष्ट किया जा सके। कुलपति को हटाए जाने को लेकर खरे ने कहा, “मूल मुद्दा जिसकी वजह से सारी समस्या उत्पन्न हुई है, उस पर पहले ध्यान देने की जरूरत है। एक्स, वाई या जेड को बदलना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि सामने आए मुद्दों को हल करना।”

खरे ने जेएनयूएसयू और जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल से दो घंटे तक मुलाकात करने के बाद गुरुवार को पत्रकारों से बात की। बैठक के बाद छात्रों के एक समूह ने परिणाम पर असंतोष व्यक्त किया और राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस हल्का लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया।

इस बीच पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने वी-सी को बर्खास्त करने की मांग की। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, “खबर है कि एचआरडी मंत्रालय ने कुलपति को दो बार जेएनयू में बढ़ी हुई फीस के मुद्दे को हल करने के लिए कुछ उचित फार्मूले को लागू करने की सलाह दी थी। उन्हें शिक्षकों और छात्रों के बीच जाने सलाह दी गई। लेकिन यह चौंकाने वाला है कि वीसी सरकार के प्रस्ताव को लागू नहीं करने पर अड़े हैं। यह निंदनीय है और मेरी राय में इस तरह के वीसी को इस पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।” जोशी पहले ऐसे भाजपा नेता हैं जिन्होंने कैंपस में हिंसा के बाद वीसी के खिलाफ बोला है।

गुरुवार की बैठक में खरे ने कहा, “छात्रों को विश्वविद्यालय से संबंधित बहुत शिकायतें थीं। हम कल विश्वविद्यालय प्रशासन को फिर से फोन करके बताएंगे कि उन्हें पहले ने नियम को लागू करना चाहिए। छात्रों को दोपहर 3 बजे बुलाया गया है और हमने उन्हें बताया है कि हम सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा करेंगे। जेएनयू की स्थिति सामान्य होनी चाहिए।”