Howrah-Mumbai Train Accident: झारखंड से सुबह-सुबह एक दर्दनाक खबर सामने आई हैं, जहां के चक्रधरपुर में हावड़ा से मुंबई जा रही मुंबई मेल ट्रेन रात में साढ़े तीन बजे के करीब दुर्घटनाग्रस्त हो गई। ट्रेन के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए और इस हादसे में 150 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। वहीं दो लोगों की मौत की खबर भी है। फिलहाल राहत बचाव का कार्य जारी है और घायलों को अस्पताल ले जाया ज रहा है। इस हादसे के चलते रेल परिचालन पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। वहीं हादसे की वजह को लेकर भारतीय रेलवे पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

ट्रेन हादसे की वजह को लेकर सामने आया है कि यहीं पर दो दिन पहले एक मालगाड़ी बेटरी हो गए थे, जिसके वैगन ट्रैक पर ही पड़े थे। ऐसे में आज जब हावड़ा-मुंबई मेल दूसरे ट्रैक से आ रही थी तो पहले से मालगाड़ी के ट्रैक पर पड़े डिब्बों से उसकी जोरदार टक्कर हुई, जिसके चलते ट्रेन के 18 डिब्बे पटरी से ही उतर गए। कुल मिलाकर कहें तो यह हादसा मालगाड़ी के पहले से पड़े डिब्बों की वजह से हुआ है, जो कि रेलवे की एक बड़ी लापरवाही का संकेत दे रहा है।

आपस में मुंड़कर सट गए डिब्बे

रिपोर्ट्स के मुताबिक हावड़ा से चलकर मुंबई जाने वाली ट्रेन सोमवार रात 11:02 बजे के बजाए 02:37 बजे टाटानगर पहुंची थी। यहां दो मिनट के ठहराव के बाद यह अगले स्टेशन चक्रधरपुर के लिए रवाना हो गई, लेकिन यह ट्रेन अपने अगले स्टेशन तक पहुंचती उससे पहले 03:45 बजे बड़ाबांबो से आगे दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

यह हादसा कितना भयावाह है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मेल एक्सप्रेस के कई डिब्बे आपस में चढ़ गए तो कई गति तेज होने के कारण बीच से मुड़ गए। कई डिब्बे आपस में बुरी तरह से सट चुके हैं।

भेजी गई रिलीफ ट्रेन

प्रशासन ने जानकारी दी है कि दुर्घटना के बाद टाटानगर व चक्रधरपुर स्टेशन से रिलीफ ट्रेन को घटनास्थल की ओर भेजा गया है और दुर्घटना की जांच के लिए इंजीनियरिंग विभाग की टीम को भी रवाना कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दुर्घटना के बाद मालगाड़ी और कोचिंग ट्रेन के डिब्बे काफी दूर से फैल गए, जिसके कारण थर्ड लाइन भी प्रभावित हुआ है। वहीं दुर्घटना के कारण ओवरहेड लाइन, खंभे और ट्रेन की पटरी भी बुरी से क्षतिग्रस्त हो गई है।

बता दें कि ट्रेन के लोक पायलट केवीएसएस राव, सहायक लोको पायलट ए अंसारी और गार्ड मो. रेहान ने तुरंत इसकी सूचना कंट्रोल रूम को दी। हादसे की सूचना मिलते ही चक्रधरपुर रेल मंडल के अधिकारी और बचाव दल घटनास्थल के लिए रवाना हुए। केएसएस राव चक्रधरपुर रेल मंडल में तीन बार सर्वश्रेष्ठ ड्राइवर का पुरस्कार जीत चुके हैं, और उनकी मौजूदगी में ही इतना बड़ा रेल हादसा हो गया।