हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही आम आदमी पार्टी पर सभी निगाहें टिकी हैं। कांग्रेस और बीजेपी के बीच मानी जा रही सीधी लड़ाई में आम आदमी पार्टी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। हालांकि पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से हरियाणा में AAP की बहुत ज़्यादा सक्रिय भूमिका नहीं रही। हरियाणा में ही लोकसभा चुनाव की एक मात्र सीट पर हार मिली। जिससे अब विधानसभा चुनाव में पार्टी की भूमिका कितनी मजबूत होगी, यह तस्वीर साफ नजर नहीं आती है। लेकिन अब आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वह बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे। AAP पंजाब-हरियाणा सीमा पर कम से कम 27 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव: तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है AAP?
आम आदमी पार्टी को यह उम्मीद है कि वह हरियाणा चुनाव में तीसरी सबसे बड़ी बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है। हालांकि AAP को 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में एक भी सीट पर कामयाबी नहीं मिल पाई थी। लोकसभा चुनाव-2024 में भी आप ने इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था लेकिन कुरुक्षेत्र पार्टी के उम्मीदवार को सुशील गुप्ता को 29 हजार से ज्यादा वोटों से हार मिली थी। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी को हरियाणा में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।
लोकसभा में मिली हार के बावजूद, AAP को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव एक अलग कहानी होगी क्योंकि अब पार्टी पड़ोसी राज्य पंजाब में सत्ता में है। यही वजह है कि आप की हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना है। 2019 के विधानसभा चुनावों में AAP ने जिन 46 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से कोई भी सीट जीत नहीं सकी थी। आप का कुल वोट शेयर 0.48% था, जो कि NOTA के 0.53% वोट शेयर से पीछे था। अधिकांश AAP उम्मीदवारों को एक हजार से भी कम वोट मिले थे और उनकी जमानत जब्त हो गई थी।
आम आदमी पार्टी का क्या प्लान है?
आम आदमी पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव में पंजाब के कई नेताओं को प्रचार के लिए उतारने का प्लान कर रही है। सीएम भगवंत मान सहित पंजाब के 50 विधायकों को प्रचार के हरियाणा भेजा जाएगा।
सुनीता केजरीवाल भी हरियाणा में प्रचार के लिए जाएंगी। दिल्ली और पंजाब की सीमाओं की विधानसभा सीटों पर आप की पूरी नजर है। दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्रों राई, सोहना, बल्लभगढ़ और बहादुरगढ़ सहित कुछ सीटें भी आप के रडार पर हैं। महत्वपूर्ण सवाल कांग्रेस के साथ गठबंधन से जुड़ा है। जिसकी संभावना अभी तक पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं लेकिन बात आगे बढ़ती हुई भी नहीं दिखाई दे रही है।