Bageshwar Dham News: मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अभी तक तो अपनी कथा और अपने बयानों के लिए चर्चा में रहते थे लेकिन 23 फरवरी को उनकी पहचान पीएम मोदी के साथ भी जुड़ गई। पीएम मोदी ने उन्हें अपना छोटा भाई तक करार दिया। छोटी में उम्र में मशहूर कथावाचक बनने से लेकर पीएम मोदी के साथ मंच शेयर करने तक का उनका सफर काफी उतार चढ़ाव भरा रहा।

दरअसल, मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम, धीरेंद्र शास्त्री के नेतृत्व में एक विशाल धार्मिक परिसर के रूप में विकसित हुआ है, जहां लाखों श्रद्धालु आते हैं। धीरेंद्र शास्त्री का दावा है कि उनके पास अलौकिक शक्तियां हैं, जैसे कि भक्तों के मन की बात पढ़ना और उनकी समस्याओं को बिना बताए हल करना।

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पीएम मोदी पहुंचे थे बागेश्वर धाम

बता दें कि रविवार को पीएम मोदी बागेश्वर धाम पहुंचे थे और बागेश्वर धाम चिकित्सा एवं विज्ञान अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखी। यह शास्त्री की अगुआई में शुरू की गई एक ऐतिहासिक परियोजना है। शास्त्री जी के बढ़ते प्रभाव का प्रमाण यह था कि मोदी ने उन्हें छोटा भाई कहा था।

हनुमान भक्त से हिंदू राष्ट्र योद्धा तक

धीरेंद्र शास्त्री का राजनीतिक रुख काफी बदल गया है, क्योंकि पहले वे केवल प्रवचन करते थे। उनके प्रवचनों में प्रत्यक्ष राजनीतिक संदेश नहीं थे, बल्कि वे हनुमान की भक्ति और व्यक्तिगत समस्या-समाधान पर केंद्रित थे। हालांकि, पिछले दो वर्षों में शास्त्री ने कट्टर हिंदुत्व रुख अपनाया है और खुद को हिंदू राष्ट्र योद्धा के रूप में पेश किया है।

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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की है, हिंदुओं से धर्मांतरण के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया है और भड़काऊ बयान दिए हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के नेताओं ने शास्त्री को अपने पाले में लाने की कोशिश की है, जिनका प्रभाव मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र, बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में काफी देखा जाता है। कांग्रेस के संघर्ष के बीच शास्त्री को अपने पाले में लाना भाजपा के लिए ज़्यादा फ़ायदेमंद साबित हुआ है।

कांग्रेस ने दिया था बाबा बागेश्वर को सहारा

छतरपुर के पूर्व कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी के संरक्षण ने ही शास्त्री को उनका पहला महत्वपूर्ण मौका दिया था, तब शास्त्री को आगे बढ़ाने में शुरुआती हाई-प्रोफाइल नेताओं में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस प्रमुख कमल नाथ भी शामिल थे, जो 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के नरम हिंदुत्व की ओर रणनीतिक झुकाव को दर्शाता है।

कमलनाथ ने पहली बार धीरेंद्र शास्त्री से 13 फरवरी, 2023 को बागेश्वर धाम में मुलाकात की। इस यात्रा को बीजेपी द्वारा कांग्रेस को हिंदू विरोधी कहने की प्रक्रिया के तौर पर देखा गया था। खासकर कमलनाथ द्वारा छिंदवाड़ा में 101 फुट ऊंची हनुमान प्रतिमा स्थापित करने जैसे भक्त छवि पेश करने के पहले के प्रयासों के बाद हुआ था।

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कमलनाथ ने की थी धीरेंद्र शास्त्री की मेजबानी

कमलना ने 5-7 अगस्त, 2023 तक छिंदवाड़ा में तीन दिवसीय हनुमान कथा कार्यक्रम के लिए धीरेंद्र शास्त्री की मेजबानी की है। उनके बेटे, नकुल नाथ, जो कांग्रेस सांसद हैं, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से आरती के साथ शास्त्री का स्वागत किया। बीजेपी ने 17 नवंबर, 2023 को हुए विधानसभा चुनावों में राज्य की 230 सीटों में से 163 पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस केवल 66 सीटें जीतने में सफल रही। बीजेपी के हिंदुत्व के कथानक और लाडली बहना योजना जैसी योजनाओं ने कांग्रेस के प्रयासों को मात दे दी।

वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी 2023 के चुनावों में हिंदू वोटों को एकजुट करने की बीजेपी की रणनीति के तहत शास्त्री को गले लगाया। चौहान ने 15 फरवरी, 2023 को बुंदेलखंड से ताल्लुक रखने वाले प्रदेश भाजपा प्रमुख वीडी शर्मा के साथ सामूहिक विवाह समारोह के लिए बागेश्वर धाम का दौरा किया।

छत्तीसगढ़ मे भी दिखा था उनके बयानों का असर

छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले जनवरी 2023 में रायपुर दौरे के दौरान शास्त्री का शाही स्वागत किया गया था, और पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता रमन सिंह ने उनका स्वागत किया था। रमन सिंह राज्यपाल अनुसुइया उइके के साथ शास्त्री के दिव्य दरबार में शामिल हुए, जिन्होंने राजभवन में उनका अभिनंदन किया।

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धीरेंद्र शास्त्री ने धर्मांतरण के खिलाफ अभियान चलाया था और बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया था। उनके कार्यक्रमों में लाखों लोग शामिल हुए, जिससे कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ भाजपा के अभियान को बल मिला, जिन्होंने शास्त्री के चमत्कारों को नाटक करार दिया, जिनका उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ा था।

बिहार चुनाव को लेकर क्यों अहम?

अब आगामी बिहार चुनावों में बीजेपी को उम्मीद है कि शास्त्री की अपील ग्रामीण मतदाताओं के बीच उसे बढ़ावा देगी। बिहार के तेजतर्रार बीजेपी नेता केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पिछले साल के लोकसभा चुनावों से पहले मई 2023 में अपने पांच दिवसीय पटना दौरे के दौरान शास्त्री का स्वागत किया था, जिसमें बिहार से आने वाले बीजेपी के उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी खुद शास्त्री को एयरपोर्ट से गाड़ी चलाकर ले गए थे। पीएम मोदी से संबंधित अन्य सभी खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।