गुजरात में गाय की चमड़ी के लिए हुई दलित परिवार की पिटाई को वहां के मुख्य सचिव ने गऊ रक्षक समिति से जुड़े लोगों की ‘गुंडागर्दी’ बताया है। मुख्य सचिव जी आर अलोरिया ने गुरुवार (21 जुलाई) को राजकोट में कहा, ‘खुद को गऊ रक्षक बताने वाले लोगों की यह गुंडागर्दी है। जिन्होंने मजे के लिए वीडियो भी बनाया और अपनी बहादुरी दिखाने के लिए वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड भी कर दिया। कार पर शिवसेना का स्टीकर लगा हुआ था और आरोपी शख्स पर गऊ रक्षा समिति का कार्ड भी था।’
अलोरिया ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में यह सब कहा। उन्होंने आगे बताया कि पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है। अलोरिया के मुताबिक पीड़ित परिवार ने इलाके के सरपंच पर भी कुछ आरोप लगाए हैं। पीड़ित परिवार की शिकायत है कि सरपंच उन्हें गांव में बने कूंए से पानी नहीं भरने दे रहा। अलोरिया ने बताया कि सरपंच बहाना मारता है कि अगर उसने पानी भरने दिया तो गऊ रक्षक उसे भी मारेंगे।
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अलोरिया ने बताया कि पीटने वालों पर तो मुकदमा चलेगा ही लेकिन पुलिस FIR नंबर F127/2016 की भी जांच कर रही है। इसमें दलित परिवार के खिलाफ मरे हुए जानवरों की चमड़ी निकालने का आरोप है।
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यह मामला 11 जुलाई को सामने आया था। गुजरात के ऊना में एक दलित परिवार को मरी हुई गाय की चमड़ी निकालने के आरोप में कुछ लोगों ने सड़क पर बुरी तरह पीटा और उसका विडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो सामने आने के बाद जो कार्रवाई की गई उसमें 16 लोगों को पकड़ा जा चुका है। इसमें 15 हिंदू और एक मुसलमान है। ये लोग आसपास के ही गांव के हैं।