I4C Sahyog portal: गृह मंत्रालय के Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C) के द्वारा बनाए गए सहयोग पोर्टल को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। जानकारी यह है कि सहयोग पोर्टल ने गूगल, यूट्यूब, अमेज़न, एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को पिछले 5 महीने में 130 नोटिस जारी किए हैं। Right to Information (RTI) के जरिये किए गए आवेदन से The Indian Express को यह जानकारी मिली है।

ये नोटिस कॉन्टेंट ब्लॉकिंग ऑर्डर्स की तरह हैं और Information Technology Act, 2000 की धारा 79(3)(b) के तहत भेजे गए हैं।

ये नोटिस Information Technology Act की धारा 69(A) के दायरे से बाहर हैं। धारा 69(A) कंटेंट को ब्लॉक करने की अनुमति देती है और इसका इस्तेमाल आमतौर पर ऑनलाइन सेंसरशिप के आदेश जारी करने के लिए किया जाता है।

इससे पहले The Indian Express की ओर से लगाए गए RTI आवेदन से पता चला था कि जनवरी-फरवरी 2025 में आईटी मंत्रालय ने आईटी एक्ट की धारा 69(A) का इस्तेमाल करके 785 ब्लॉकिंग ऑर्डर्स जारी किए थे।

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X ने ठोका था केंद्र के खिलाफ मुकदमा

RTI के जरिए मिली ताजा जानकारी से एलन मस्क की कंपनी X को मिले नोटिस के बारे में नहीं पता चला है। X अभी तक सहयोग पोर्टल से भी नहीं जुड़ा है। X ने पिछले महीने केंद्र सरकार के खिलाफ मुकदमा ठोक दिया था। X ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार आईटी एक्ट के जरिए ‘समानांतर’ और ‘गैर कानूनी’ सेंसरशिप सिस्टम बना रही है।

X ने कर्नाटक हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा था कि आईटी एक्ट, 2000 की धारा 79(3)(b) के तहत कई सरकारी विभाग और एजेंसियां उसे कंटेंट हटाने के नोटिस भेज रही हैं। ऐसा करके धारा 69A की प्रक्रियाओं को दरकिनार करने की कोशिश की जा रही है।

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सहयोग पोर्टल को लेकर जताई थी आपत्ति

X ने सहयोग पोर्टल को लेकर आपत्ति जताई थी। कंपनी ने अपनी याचिका में कहा था कि यह एक ‘सेंसरशिप पोर्टल’ है। इस पोर्टल पर केंद्रीय और राज्य एजेंसियां और स्थानीय पुलिस अधिकारी धारा 79(3)(b) के तहत ब्लॉकिंग ऑर्डर जारी कर सकते हैं और यह धारा 69A की प्रक्रिया से बाहर है। X का दावा है कि सरकार ने आईटी एक्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है।

धारा 79(3)(b) क्या कहती है?

धारा 79(3)(b) कहती है कि अगर कोई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म किसी सरकारी एजेंसी के द्वारा flagged यानी आपत्ति जताए गए कंटेंट को हटाने में फेल रहता है तो वह सेफ हार्बर (Safe Harbour) की सुरक्षा खो सकता है।

सेफ हार्बर सुरक्षा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यूजर्स के द्वारा बनाए गए कॉन्टेंट से कानूनी छूट देती है। इस प्रावधान के तहत कई वजहों से आदेश भेजे जा सकते हैं लेकिन धारा 69(A) के तहत आदेश केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यवस्था से संबंधित अपराधों के लिए ही जारी किए जा सकते हैं।

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केवल केंद्र सरकार ही धारा 69(A) के तहत सामग्री हटाने के नोटिस जारी कर सकती है, जबकि राज्य सरकारें, केंद्र शासित प्रदेश और केंद्र सरकार, धारा 79(3)(B) के तहत ऐसा कर रहे हैं। आईटी मंत्रालय ने फरवरी 2021 में आईटी नियमों के संबंध में नोटिफिकेशन जारी करने से पहले कई मंत्रालयों को धारा 79(3)(B) के तहत नोटिस जारी करने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया था। 

इस बीच, गृह मंत्रालय ने एक RTI आवेदन के जवाब में बताया था कि अब तक 65 online intermediaries को सहयोग पोर्टल में शामिल किया गया है। 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नोडल अधिकारियों के साथ-साथ सात केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधियों को भी इस पोर्टल पर लाया गया है।

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