मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की फाइलें दोबारा खोलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इस बाबत दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने मीडिया को बताया कि FIR 601/84 फिर से खुलेगी और इसमें कमलनाथ का भी नाम शामिल है। इस दौरान सिरसा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कमलनाथ को पार्टी से तुरंत निष्कासित करने की मांग उठाई। सिरसा ने यह भी कहा कि अगर कमलनाथ को कांग्रेस से नहीं निकाला जाता है, तो सोनिया गांधी का सिख विरोधी चेहरा उजागर होगा।
गौरतलब है कि जून महीने में मनजिंदर सिंह सिरसा ने केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा 1984 सिख विरोधी दंगों के लिए बनाई गई एसआईटी के चेयरमैन से मुलाकात की थी। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सिरसा ने कमलनाथ के भूमिका की जांच की मांग उठाई थी। मामले में कांग्रेस से जुड़े दिल्ली के नेता जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार के साथ-साथ कमलनाथ पर भी इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भीड़ को उकसाने का आरोप लगा था।
प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाए थे कि कमलनाथ ने भीड़ को दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारे की ओर ले गए थे और उनकी मौजूदगी में दो सिखों की हत्या की गई। लेकिन, कमलनाथ को नानावटी कमिशन ने संदेह के आधार पर लाभ दिया।वहीं, कमलनाथ की सफाई थी कि वह भीड़ को हिंसा नहीं करने के लिए शांत कर रहे थे। गौरतलब है कि जब कलमनाथ को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया तब भी बीजेपी ने सिख दंगे में उनकी संदिग्ध भूमिका वाले सवाल उठाए थे।