G-20 समिट के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से डिनर का आयोजन किया गया है। इस डिनर में विदेश से आए सभी राष्ट्र अध्यक्षों को न्योता दिया गया है। इसके अलावा भारत के सभी राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्री को भी इसमें आमंत्रित किया गया है, लेकिन इसको लेकर भी विवाद शुरू हो गया। दरअसल राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों की ओर से कहा गया कि उनके विमानों को लैंडिंग की इजाजत नहीं दी गई है। वहीं इस मामले पर गृह मंत्रालय का बयान आया है।
गृह मंत्रालय का बड़ा बयान
दोनों मुख्यमंत्री की ओर से किए गए दावे पर गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि G-20 समिट को लेकर दिल्ली में 8 से 11 सितंबर तक हाई टेक्नोलॉजी वाली सुरक्षा हाई कवर लगाई गई है। लेकिन राज्यपालों और मुख्यमंत्री को उनके विमानों के साथ आवाजाही की अनुमति है और उनके विमान की लैंडिंग पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं है।
केवल चार्टर्ड विमानों को मंजूरी की आवश्यकता
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने हेलीकॉप्टर उड़ान के लिए मंजूरी देने से इनकार करने का दावा किया है। राजस्थान के सीएम की तरफ से चार अनुरोध प्राप्त हुए थे और सभी को मंजूरी दे दी गई। उनके किसी भी अनुरोध को अस्वीकार नहीं किया गया। कमर्शियल विमान, राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों के विमानों की आवाजाही की अनुमति है। केवल चार्टर्ड उड़ानों के लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी लेना जरूरी है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि वह G20 शिखर सम्मेलन की रात्रिभोज में भाग नहीं ले पाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली और उसके आसपास हवाई प्रतिबंध लगाए गए हैं। उनके विमान को लैंडिंग की अनुमति नहीं दी गई है। भूपेश बघेल ने कहा कि अब जब जो फ्लाइंग जोन हो गया है तो मैं कैसे जाऊंगा?
बता दें कि G-20 शिखर सम्मेलन का आज पहला दिन है। वहीं रविवार यानी 10 सितंबर को भी G20 सम्मेलन जारी रहेगा। G20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दुनिया भर के बड़े नेता इस वक्त दिल्ली में मौजूद हैं। इसी कारण दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी की गई है।