केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान नागरिकता संशोधन कानून पर जारी हिंसा को लेकर विपक्षियों पार्टियों पर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि ‘आपको जो राजनीतिक विरोध करना है वो करो, भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार दृढ़ है। ये सभी शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी, वो भारत के नागरिक बनेंगे और सम्मान के साथ दुनिया में रहेंगे।’
गृह मंत्री ने कहा कि पूरा विपक्ष ही लोगों के बीच भ्रम फैलाने में जुटा है। अमित शाह ने एक बार फिर साफ किया कि नागरिकता कानून का मतलब अल्पसंख्यक वर्ग के किसी भी व्यक्ति से नागरिकता वापस लेना नहीं है। बिल में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा कि 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ था, जिसका एक हिस्सा एक-दूसरे देश के अल्पसंख्यकों की रक्षा करना था। इस पर बीते 70 सालों से काम नहीं किया गया क्योंकि आप (कांग्रेस) वोट बैंक बनाना चाहते थे। हमारी सरकार ने इस समझौते को सही ढंग से लागू किया है और लोगों को नागरिकता देने का फैसला किया है, जो बीते कई सालों से इंतजार में थे।
Home Minister Amit Shah in Delhi on #CitizenshipAmendmentAct: Aapko jo rajnitik virodh karna hai wo karo, Bharatiya Janata Party ki Modi sarkar firm hai. Ye sabhi sharanarthiyo ko nagrikata milegi, vo Bharat ke nagrik banenge aur samman ke sath duniya me rahenge. pic.twitter.com/JKyTbDMx4K
— ANI (@ANI) December 17, 2019
वहीं अमित शाह के बयान पर लोग सोशल मीडिया पर जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक यूजर ने अमित शाह के बयान का समर्थन किया। इस यूजर ने देश के कथित उदारवादियों पर तीखी टिप्पणी करते हुए लिखा कि उदारवादियों के लिए बरनोल लगाने का पल। वहीं एक यूजर ने लिखा कि हम सब आपके साथ हैं।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। रविवार को दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी में इस कानून के विरोध में भारी हिंसा और आगजनी हुई। वहीं आज दिल्ली के सीलमपुर में भी इसके खिलाफ बसों पर पथराव हुआ। फिलहाल पुलिस ने दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और निगरानी बढ़ा दी है।