अमित शाह जब से गृह मंत्री बने हैं, गृह मंत्रालय के कामकाज का तरीका बदल गया है। मंत्री अक्सर दस बजे सुबह से पहले नॉर्थ ब्लॉक (दफ्तर) आ जाते हैं और शाम को देर तक रुकते हैं। अमूमन आठ बजे तक। लगभग पूरे दिन वह ऑफिस में ही रहते हैं। लंच के लिए भी घर नहीं जाते। करीब पौने एक बजे रोज उनके लिए लंच आता है। ऐसे में उनके दो जूनियर मंत्रियों और अफसरों को भी देर तक काम करना पड़ता है। ईद की छुट्टी पर भी शाह दफ्तर पहुंच गए थे। ऐसे में जूनियर मंत्रियों और अफसरों को भी काम करना पड़ा। करीब एक दशक से गृह मंत्रालय कवर कर रहीं एनडीटीवी की नीता शर्मा ने एनडीटीवी डॉट कॉम पर लिखे एक ब्लॉग में यह ब्योरा दिया है। उनका कहना है कि उन्होंने चार गृह मंत्री देखे, पर पहली बार किसी गृह मंत्री को दफ्तर में इतना वक्त देते देख रही हैं।
राजनाथ सिंंह जब गृह मंत्री थे तो लंच में घर चले जाते थे। उसके बाद वह घर से ही काम करते थे। तमाम महत्वपूर्ण बैठकें भी घर पर ही करते थे। पर, अब स्थिति अलग है। शाह राजनीतिक बैठकें भी दफ्तर में ही करते हैं। राज्य भाजपा या सहयोगी पार्टियों के अध्यक्षों से भी उनकी मुलाकात नॉर्थ ब्लॉक में ही होती है।
काम काफी है…संभवत: पीएम के बाद सबसे ज्यादा बिजी मंत्री: शाह देश के 30वें गृह मंत्री हैं। गृह मंत्रालय में 19 विभाग हैं। शाह की नजर सब पर है। सभी को कहा गया है कि वह अपना-अपना प्रेजेंटेशन तैयार करें। प्रधानमंत्री ने आठ संसदीय समितियों में उन्हें शामिल किया है। इनमें से दो समिति में तो प्रधानमंत्री हैं भी नहीं। मंत्रालय और समितियों के अलावा भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी अभी उन्हीं के पास ही रहने वाली है।
काम को लेकर शाह का यह रवैया कोई नया नहीं है। बीजेपी के कई नेता बातचीत में बताते हैं कि जब शाह केवल बीजेपी अध्यक्ष हुआ करते थे, तब भी वह किसी भी वक्त फोन कर काम दे दिया करते थे और उसे पूरा करने की समयसीमा भी साथ के साथ बता दिया करते थे। उनकी इस आदत की वजह से कई बीजेपी नेता सोते वक्त बिस्तर के पास कागज-कलम रखना नहीं भूलते।
बतौर भाजपा अध्यक्ष शाह काफी यात्राएं करते रहे हैं। अंग्रेजी अखबार ‘मिंंट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2014 से 2019 के दौरान उन्होंने दस लाख किलोमीटर से ज्यादा लंबी यात्राएं कीं। अकेले 2019 चुनाव के लिए उन्होंने 47 दौरे किए। भाजपा नेताओं के हवाले से अखबार ने लिखा था कि शाह ने पांच साल में छह लाख किमी की यात्रा चुनाव के उद्देश्य से की, जबकि 4 लाख 13 हजार किमी यात्रा पार्टी के काम के सिलसिले में किया।
शाह बूथ लेवल का कार्यकर्ता वाले दिनों से ही मेहनती रहे हैं। जब नरेंद्र मोदी गुजरात के संगठन मंत्री थे, तब शाह ने सारे भाजपा सदस्यों के मैनुअल रजिस्ट्रेशन का बड़ा काम अपने हाथों में लिया था। जब वह बीजेपी अध्यक्ष बने तो उन्होंने भाजपा को 11 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य हासिल कर बीजेपी को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनाने का दावा किया। भाजपा अध्यक्ष के रूप में भी दफ्तर में उनका लंबा वक्त बीतता था। दिल्ली में रहते हुए वह पार्टी दफ्तर में ही लगभग पूरा समय देते थे और वहीं काम करते थे। उन्होंने अध्यक्ष रहते देश के 640 जिलों में भाजपा का दफ्तर बनवाने का संकल्प लिया। इसी संकल्प के तहत आज देश के तमाम जिलों में बीजेपी के पास आधुनिक दफ्तर है।